एक डॉक्टर के पास मिलीं एमबीबीएस की 21 डिग्रियां, 4 फर्जी निकलीं; 7 यूनिवर्सिटी में 17 की जांच जारी
- पुलिस टीम ने अभी तक शिकोहाबाद और लखनऊ स्थित यूनिवर्सिटी में जाकर जांच पूरी कर ली है। इन दोनों यूनिवर्सिटी के नाम से जारी 4 डिग्री फर्जी होने की पुष्टि हो गई है। पुलिस अब अन्य सात यूनिवर्सिटी से संपर्क कर बची 17 डिग्रियों की जांच में जुटी है।

Fake MBBS Degree: यूपी के गोरखपुर में एक डॉक्टर और उसके साथी के पास मिलीं एमबीबीएस की 21 डिग्रियों की फर्जी होने के संदेह में जांच चल रही है। जांच के लिए निकली पुलिस टीम ने अभी तक शिकोहाबाद और लखनऊ स्थित यूनिवर्सिटी में जाकर जांच पूरी कर ली है। इन दोनों यूनिवर्सिटी के नाम से जारी चार डिग्री फर्जी होने की पुष्टि हो गई है। पुलिस अब अन्य सात यूनिवर्सिटी से संपर्क कर बची 17 डिग्रियों की जांच में जुटी है। एमबीबीएस की 21 डिग्रियों की जांच के बाद पुलिस आरोपितों के पास से मिलीं डी फार्मा की नौ डिग्रियों की जांच का काम शुरू करेगी। जांच पूरी होने के बाद इसकी रिपोर्ट पुलिस अपनी विवेचना में शामिल करेगी, ताकि आरोपितों पर साक्ष्यों के साथ चार्जशीट दाखिल हो और उन्हें सजा मिल सके।
दरअसल, एमबीबीएस और बीफार्मा की फर्जी डिग्री बनाने के मामले में पुलिस ने 24 फरवरी को खोराबार पीएचसी पर संविदा पर तैनात एम्स क्षेत्र के आवास विकास कॉलोनी निवासी डॉ. राजेश कुमार और इसके साथी संतकबीरनगर जिले के खलीलाबाद कोतवाली थाना के पठान टोला निवासी सुशील चौधरी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उनके पास से एमबीबीएस की 21 और डी फार्मा की नौ डिग्री बरामद की गई थी।
जांच में पता चला था कि डॉक्टर व उसके साथी ने लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, कर्नाटक, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, शिकोहाबाद और छत्तीसगढ़ की यूनिवर्सिटी के नाम पर फर्जी डिग्री बनवाई है। डॉ. राजेश कुमार ने खुद के लिए भी राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस, कर्नाटक यूनिवर्सिटी के नाम से एमबीबीएस की डिग्री बनवाई थी। डॉक्टर के पास से इस यूनिवर्सिटी के नाम से तीन डिग्रियां मिली हैं।
इसके अलावा लखनऊ के आयुर्वेदिक तथा यूनानी तिब्बी चिकित्सा पद्धति बोर्ड की दो, ओपीजेएस यूनिवर्सिटी चुरू, राजस्थान की दो, उत्तर प्रदेश फार्मेसी कांउसिल की एक, आईके गुजराल, पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी की दो, जेएस विश्वविद्यालय सिकोहाबाद की चार, आयुष एंड हेल्थ साइंस यूनिवर्सिटी ऑफ छत्तीसगढ़ की एक, आईएफटीएम यूनिवर्सिटी मुरादाबाद की तीन और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा स्नातक की एक फर्जी डिग्री मिली है। डॉक्टर के साथी सुशील चौधरी के पास से आयुर्वेदिक तथा यूनानी तिब्बी चिकित्सा पद्धति बोर्ड, उत्तर प्रदेश बोर्ड की एक और चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी, मेरठ की एक फर्जी मेडिकल की डिग्री मिली है। अब इन्हीं डिग्रियों की जांच की जा रही है।
सरगना की तलाश जारी
डिग्री को फर्जी तरीके से छापने का आरोपित अब भी वांछित है। डॉक्टर के दो साथी नोएडा के रहने वाले हैं, जिनकी तलाश में पुलिस अब भी लगी हुई है। खबर है कि पुलिस की एक टीम नोएडा में ही रुकी हुई है और जल्द ही गिरफ्तारी हो सकती है।
क्या बोली पुलिस
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि फर्जी मेडिकल डिग्री की जांच में चार डिग्रियां फर्जी होने की पुष्टि हो गई है। टीम पूछताछ के आधार पर एकरिपोर्ट तैयार करेगी। फर्जी डिग्री छापने वाले सरगना के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।
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