Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़130 school children trapped in the Katarniaghat forest at midnight administration rescued them all safely

स्कूल प्रबंधन की लापरवाही से आधी रात जंगल में फंसे 130 बच्चे, प्रशासन ने सभी को सुरक्षित निकाला

बहराइच में एक स्कूल के प्रबंधन की कथित लापरवाही के कारण शनिवार रात गोंडा जिले के 130 छात्रों और कर्मचारियों समेत 155 लोग कतर्नियाघाट जंगल फंस गए। सूचना मिलने पर एसडीए ने सभी को सुरक्षित गोंडा पहुंचाने का इंतजाम कराया।

Pawan Kumar Sharma बहराइच, भाषाSun, 22 Dec 2024 08:37 PM
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यूपी के बहराइच में एक स्कूल के प्रबंधन की कथित लापरवाही के कारण शनिवार रात गोंडा जिले के 130 छात्रों और कर्मचारियों समेत 155 लोग कतर्नियाघाट जंगल फंस गए। बहराइच की जिलाधिकारी मोनिका रानी को मामले के बारे में पता चला तो उन्होंने उप जिलाधिकारी (एसडीएम) को भेजकर सभी को सुरक्षित वापस गोंडा पहुंचाने का इंतजाम कराया।

जानकारी के मुताबिक शनिवार को गोंडा जिले के एक स्कूल के अधिकारी व कर्मचारी 130 छात्रों को नेपाल घूमने के लिए भारत-नेपाल की सीमा के निकट स्थित रुपईडीहा कस्बा लेकर पहुंचे। लेकिन दोपहर तीन बजे तक उन्हें रुपईडीहा बार्डर पर सीमा के उस पार जाने की अनुमति नहीं मिली। साथ ही कहा गया कि वे सीमा बंद होने से पहले छात्रों को वापस नहीं ला सकेंगे।

इस पर प्रबंधक ने तीनों बसों को कतर्नियाघाट की ओर मुड़वा दिया। जिसके बाद पांच वन चौकियां पार करके बसें कतर्नियाघाट में घने जंगल में स्थित आंबा गांव पहुंच गईं। यहां नेपाल की ओर जाने वाला दूसरा रास्ता है। हालांकि कुछ देर बच्चों को जंगल में घुमाने के बाद बसों को नेपाल ले जाने की कोशिश की गई लेकिन यहां भी उन्हें जाने से रोक दिया गया। ऐसे में शाम के करीब पांच बज चुके थे, तब तक बसों को लेकर वापस शहर लौटना था।

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स्थानीय पुलिस ने उन्हें वापस जाने को कहा, लेकिन प्रबंधकों ने जंगल के बीच सुनसान इलाके में स्थित बिछिया रेलवे स्टेशन पर बच्चों को खुले स्थान पर बिठा दिया। ठंड बढ़ रही थी और बच्चे सर्दी से कांप रहे थे, इसलिए उन्होंने उन्हें वापस शहर की तरफ या पास के एक गांव में जाने को कहा लेकिन प्रबंधक नहीं माने और वहीं खुले स्थान में रुक कर बसों में रात बिताने की बात पर अड़े रहे। जानकारी होने पर एसडीएम (मोतीपुर) संजय कुमार, पुलिस व वन विभाग के अधिकारियों ने पहुंचकर सभी के लिए भोजन का इंतजाम कराया, अलाव जलवाए और सभी को वापस गोंडा रवाना किया।

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