Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़13 year old rape victim gave birth to a baby girl in Hapur

मां-बाप की मौत के बाद पालनहार ही बन गया दरिंदा, 13 साल की रेप पीड़िता ने बच्ची को दिया जन्म

हापुड़ की रेप पीड़िता ने मंगलवार को मेरठ मेडिकल कॉलेज में बच्ची को जन्म दिया। डॉक्टर के मुताबिक जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं। वहीं, दुष्कर्म का आरोपी दादा जुलाई से ही जेल में बंद हैं।

Pawan Kumar Sharma हिन्दुस्तान, हापुड़Tue, 17 Sep 2024 10:17 PM
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यूपी के हापुड़ की रहने वाली एक दुष्कर्म पीड़ित किशोरी ने मंगलवार को मेरठ मेडिकल में बच्ची को जन्म दिया। डॉक्टर के अनुसार जच्चा-बच्चा स्वस्थ्य हैं। दुष्कर्म का आरोपी दादा जुलाई से जेल में है। हाईकोर्ट के आदेश पर रेप पीड़ित बच्ची को मेरठ डीएम के दिशा निर्देश में मेरठ मेडिकल के लिए भेज दिया गया था।

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दुष्कर्म पीड़िता के प्रसव का खर्च वहन करने, मेरठ डीएम की निगरानी में बच्चे के स्वास्थ्य की देखभाल करने और मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को दो स्त्री रोग विशेषज्ञों की तैनाती कर बच्चे के प्रसव की सारी व्यवस्था करने का आदेश दिया था। जिसके चलते बच्ची मेरठ मेडिकल के लिए भेज दी गई थी। सीएमओ डॉ सुनील त्यागी ने बताया कि मंगलवार को किशोरी ने एक बेटी को जन्म दिया था। जच्चा-बच्चा दोनों सकुशल हैं।

गोद लेने वाली एजेंसी को दिया जाएगा बच्चा

बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अभिषेक त्यागी ने बताया कि डीएम हापुड़ के दिशा निर्देश एवं नेतृत्व में रेप पीड़ित बच्ची के लिए हाईकोर्ट से आए आदेश पर कार्रवाई की गई थी। जिसमें बच्ची के स्वास्थ एंव प्रसव के लिए मेरठ डीएम तथा मेडिकल कॉलेज मेरठ के लिए आदेशित किया गया था। जन्म के बाद बच्चे को गोद लेने वाली एजेंसी कारा को बच्चा दिए जाने का आदेश कर दिया है।

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ये था मामला

जिले के एक गांव में बेटी को जन्म देकर मां की मौत हो गई थी। जिसका पालन पोषण उसका पिता कर रहा था। लेकिन करीब 2 साल पहले उसके पिता की क्षय रोग से पीड़ित होने के बाद मौत हो गई। मां-बाप का साया सिर से छीना तो पिता के फूफा यानी बिटिया को दादा ने अपने पास रख लिया। दादा-दादी के साथ बिटिया अपना बचपन खेल रही थी। लेकिन इस दौरान दादी की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार बच्ची के पेट में दर्द रहने लगा तो दादा बिटिया के ताऊ के घर उसको लेकर आया और बोला कि यह पेट में दर्द बताती है। जिसके बाद उसे छोड़कर चला गया।बेटी को लेकर ताई डॉक्टर के पहुंची तो वहर्ग्भवती थी। इसकी जानकारी पर ताई ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसके बाद बाल कल्याण समिति के पत्र पर चिकित्सकों के पैनल ने पीड़िता का चिकित्सीय परीक्षण किया। जिसमें सात महीने का गर्भ होने के कारण मामला क्रिटिकल बताया गया था।

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