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बम फटने जैसा धमाका, लाशों के उड़े चिथड़े; नूंह में सड़क हादसे का मंजर देख कांपी लोगों की रूह

हरियाणा के नूंह जिले में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर गांव इब्राहिमबास के पास शनिवार सुबह हुए दर्दनाक हादसे के बाद मातम छा गया। चंद सेकेंड में शवों के बिखराव को देखकर हर तरफ चीख-पुकार मची रही। इस दृश्य को देखकर हर किसी के आंसू निकल पड़े।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नूंह। हिन्दुस्तानSun, 27 April 2025 06:58 AM
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बम फटने जैसा धमाका, लाशों के उड़े चिथड़े; नूंह में सड़क हादसे का मंजर देख कांपी लोगों की रूह

हरियाणा के नूंह जिले में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर गांव इब्राहिमबास के पास शनिवार सुबह हुए दर्दनाक हादसे के बाद मातम छा गया। चंद सेकेंड में शवों के बिखराव को देखकर हर तरफ चीख-पुकार मची रही। इस दृश्य को देखकर हर किसी के आंसू निकल पड़े। हादसा इतना खौफनाक था कि जब तक लोग मदद को दौड़ते, छह महिला समेत सात सफाई कर्मचारी दम तोड़ चुके थे। पिकअप गाड़ी के ड्राइवर मोनू को पुलिस ने बाद में गिरफ्तार कर लिया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि शनिवार सुबह हुए इस भीषण सड़क हादसे का मुख्य कारण रफ्तार ही है। पिकअप की रफ्तार निर्धारित गति से अधिक थी। ऐसे में सड़क किनारे साफ-सफाई कर रहे 11 सफाई कर्मचारियों को ड्राइवर ने कुचल दिया। इसके बाद पिकअप डिवाइडर से जा टकराया। हादसे के दौरान मौके पर मौजूद हर किसी के होश उड़ गए।

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जब तक वह कुछ समझ पाते, 11 लोग करीब 50 मीटर के दायरे में इधर-उधर पड़े थे और उनमें चीख-पुकार मची थी। घटना के बाद अन्य वाहन चालकों ने तुरंत इसकी जानकारी डायल-112 पर कॉल करके पुलिस को दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने एंबुलेंस से घायलों को नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया।

घायल महिलाओं को एम्स ट्रॉमा सेंटर भेजा गया : पुलिस के अनुसार, हादसे में मरने वालों की पहचान थाना पिनगवां के गांव खेड़ीकलां निवासी 60 वर्षीय रेशम, 60 वर्षीय प्रेम, 40 वर्षीय रत्ना, 30 वर्षीय पिस्ता, 40 वर्षीय जेदेई, 30 वर्षीय सत्नवति और फिरोजपुर झिरका के गांव झिमरावट निवासी 45 वर्षीय आस मोहम्मद के रूप में हुई। घायलों की पहचान गांव खेड़ीकलां निवासी 41 वर्षीय लज्जावती, 37 वर्षीय हेमलता, जगवती और गांव रिगड़ निवासी 32 वर्षीय अनिल के रूप में हुई है। गंभीर रूप से घायल तीनों महिलाओं को दिल्ली के एम्स ट्रॉमा सेंटर भेजा गया है, जबकि अनिल का इलाज नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।

गांव में पसरा मातम : गांव खेड़ीकलां में इस हादसे के बाद गम का माहौल बना हुआ है। स्थानीय लोगों ने बताया कि दिन में किसी के घर में चूल्हा तक नहीं जला। एक व्यक्ति ने बताया कि सभी महिला मजदूरों संबंधित ठेकेदार कम से कम पांच सौ से छह सौ रुपये देहाड़ी देते थे। शाम तक काम करने के बाद सभी अपने घर लौट आते थे। गांव में दिनभर मातम पसरा रहा।

ऐसा लगा जैसे बम फटा हो

एक्सप्रेसवे से नीचे काफी संख्या में ढाबा और दुकानें है। गांव इब्राहिमबास के ग्रामीणों ने बताया कि अधिकांश अपने दुकानों, घरों आदि में थे और अपने कामों में व्यस्त थे। करीब 10 बजे एक जोरदार धमाका हुआ। लोगों को लगा कि कहीं बम फटा हो। जैसे ही नजर मुड़ी, देखा कि एक्सप्रेसवे पर काफी संख्या में लोग ईधर-उधर बेसुध पड़े हैं और एक पिकअप डिवाइडर से टकराकर खड़ी है। लोगों को समझते देर नहीं लगी और वह पानी व अन्य सामान लेकर मौके पर दौड़े और बचाव कार्य में जुट गए।

एक व्यक्ति शवों को देखकर बेहोश हुआ

स्थानीय लेागों ने बताया पिकअप गाड़ी की स्पीड सौ किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक रही होगी। हादसा इतना जबर्दस्त था कि कई महिलाओं के शरीर के चिथड़े उड़ गए। साथ ही उनके शरीर के दो टुकड़े भी हो गए। एक्सप्रेसवे पर हादसे के दौरान एक व्यक्ति ने बताया कि उन्हें शवों की हालत देखी नहीं गई। जिस तरह से शव पड़े थे, यह देखकर उसे बेहोशी छाने लगी।

मरने वाली सभी महिलाएं एक ही गांव की थीं

पुलिस के अनुसार, हादसे में मरने वाली सभी महिलाएं एक ही गांव की थी और उनका घर आसपास ही था। रेशम, पत्नी गुलाब सिंह, 60 वर्षीय प्रेम पत्नी रामसिंह, 40 वर्षीय रत्ना पत्नी रमेश, 30 वर्षीय पिस्ता,40 वर्षीय जेदेई पत्नी देशराज,30 वर्षीय सत्नवति पत्नी राजू सभी एक साथ शनिवार सुबह करीब आठ बजे काम करने एक्सप्रेसवे पर आई थीं। इसके अलावा घायल तीन महिला भी खेड़ीकलां की हैं।

सड़क सुरक्षा से जुड़े जानकारों की मानें तो दिल्ली-मुंबई एक्स्प्रेसवे दिल्ली से शुरू होता है। मौजूदा समय में दिल्ली के मीठापुर से शुरू इस एक्सप्रेसवे को दिल्ली, फरीदाबाद में डीएनडी-केएमपी एक्सप्रेसवे के नाम से भी जाना जाता है। दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, पलवल आदि शहरों के लोगों के लिए इस मार्ग से राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र आदि राज्यों में जाना काफी आसान हो गया है। लिहाजा मार्ग पर दिनों-दिन वाहनों की संख्या बढ़ रही है। साथ ही मार्ग पर कार आदि के लिए निर्धारित गति सीमा करीब 120 किलोमीटर प्रति घंटा और भारी मालवाहक वाहनों के लिए करीब 80 निर्धारित की गई है, लेकिन मार्ग पर निर्धारित गति से कोई वाहन नहीं दौड़ते। लिहाजा मार्ग पर चालक वाहन से संतुलन खोकर हादसे का शिकार हो रहे हैं और जानलेवा बने हैं।

राजेश कुमार, एसपी नूंह ने कहा, ''दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर हादसे में सात लोगों की मौत हो गई। ये एक ही गांव के थे। मौके पर पहुंचकर मैंने जायजा लिया है। कारण जानने के लिए सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। पिकअप को मौके पर छोड़कर फरार हो गए चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है।''

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