Hindi Newsखेल न्यूज़अन्य खेलYogesh Kathuniya Wins Silver Medal in Mens Discus Throw F56 at Paris Paralympics 2024

Paris Paralympics: योगेश कथुनिया ने डिस्कस थ्रो में जीता सिल्वर मेडल, पैरालंपिक में दूसरी बार किया ये कारनामा

  • Yogesh Kathuniya Paris Paralympics: योगेश कथुनिया ने पैरालंपिक में एक बार फिर सिल्वर मेडल अपने नाम किया है। वह डिस्कस थ्रो में दूसरे स्थान पर रहे। उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में कमाल कर दिया।

Md.Akram लाइव हिन्दुस्तानMon, 2 Sep 2024 03:49 PM
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भारत के योगेश कथुनिया ने सोमवार को पेरिस पैरालंपिक 2024 में डिस्कस थ्रो (चक्का फेंक) एफ56 स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीता। उन्होंने 42.22 मीटर के साथ मेडल अपने नाम किया। यह उनका सीजन बेस्ट थ्रो था। योगेश ने पैरालंपिक में लगातार दूसरी बार सिल्वर जीतने का कारनामा अंजाम दिया है। उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में भी रजत पर कब्जा जमाया था। पेरिस में भारत के खाते में अब आठ मेडल हो गए हैं।

पहले ही प्रयास में किया कमाल

हरियाणा के रहने वाले योगेश ने अपने पहले ही प्रयास में 42.22 मीटर का थ्रो किया। इसके बाद, 27 वर्षीय भारतीय खिलाड़ी ने 41.50 मीटर, 41.55 मीटर, 40.33 मीटर, 40.89 मीटर और 39.68 मीटर दूर चक्का फेंका। ब्राजील के क्लॉडनी बतिस्ता डॉस सैंटोस ने 46.86 मीटर के पैरालंपिक रिकॉर्ड थ्रो के साथ डिस्कस थ्रो में गोल्ड मेडल जीता। ग्रीस के कोंस्टेंटिनोस त्जूनिस ने 41.32 मीटर के साथ कांस्य हासिल किया। एफ 56 वर्ग में भाग ले वाले वाले खिलाड़ी बैठ कर प्रतिस्पर्धा करते है। इस वर्ग में ऐसे खिलाड़ी होते है जिनकी रीढ़ की हड्डी क्षतिग्रस्त होती है और शरीर के निचले हिस्से में विकार होता है।

 

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9 साल की उम्र में ये सिंड्रोम

योगेश को 9 साल की उम्र में गिलियन-बैरे सिंड्रोम हो गया था। उन्होंने चंडीगढ़ के इंडियन आर्मी पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की, जहां उनके पिता चंडीमंदिर कैंटोनमेंट में सेना में सेवारत थे। उनकी मां ने फिजियोथेरेपी सीखी। उसके बाद 3 साल के अंदर योगेश की मांसपेशियों ने फिर से चलने के लिए ताकत हासिल कर ली। उन्होंने दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से कॉमर्स में स्नातक की डिग्री हासिल की।

 

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2016 से किस्मत आजमाना शुरू किया

योगेश ने 2016 से पैरा स्पोर्ट्स में किस्मत आजमाना शुरू किया। उन्हें किरोड़ीमल कॉलेज में छात्र संघ के महासचिव सचिन यादव ने पैरा-एथलीटों के वीडियो दिखाकर प्रेरित किया था। योगेश ने उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने पैरालिंपिक 2020, विश्व चैंपियनशिप 2023 और एशियाई पैरा गेम्स 2022 जैसे प्रमुख टूर्नामेंटों में पदक जीकर अमिट छाप छोड़ी। योगेश को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

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