श्रीजेश बिना खेले पूरा करेंगे वर्ल्ड कप चैंपियन बनने का सपना, कप्तान हरमनप्रीत सिंह को दे दी बड़ी जिम्मेदारी
- हॉकी इंडिया द्वारा आयोजित विदाई समारोह में दिग्गज पीआर श्रीजेश काफी भावुक नजर आए। श्रीजेश ने अपने करियर के सभी सुनहरे पलों को भी याद किया। हालांकि उन्हें विश्व कप ना जीत पाने का अफसोस है।
हॉकी इंडिया द्वारा आयोजित बुधवार को विदाई समारोह में दिग्गज पीआर श्रीजेश ने अपने करियर से जुड़े कई महत्वपूर्ण किस्से सुनाए। इस दौरान श्रीजेश ने बताया कि उन्हें विश्व कप ना जीत पाने का मलाल है लेकिन अगली बार जब टीम खेलेगी और पोडियम फिनिश करेगी तो वह कप्तान को अपनी टी शर्ट देंगे। टोक्यो के बाद पेरिस ओलंपिक में भी कांस्य पदक जीतकर श्रीजेश ने हॉकी को अलविदा कह दिया। उनकी विदाई के साथ ही भारतीय हॉकी से 16 नंबर की जर्सी भी रिटायर कर दी गई। करिश्माई गोलकीपर श्रीजेश पेरिस ओलंपिक में पूरे समय अपनी भूमिका को लेकर दृढ़ थे और उन्हें यादगार विदाई मिली।
महान गोलकीपर श्रीजेश को मैदान के अंदर और बाहर दोनों जगह शानदार विदाई मिली। स्पेन के खिलाफ पेरिस में कांस्य पदक जीतने के बाद हरमनप्रीत ने उन्हें कंधे पर बैठाकर मैदान के चक्कर लगाए थे। बुधवार को उन्हें इस तरह से सम्मानित किया गया जैसा पहले कभी किसी भारतीय हॉकी खिलाड़ी को नहीं मिला। हर खिलाड़ी इस तरह की विदाई का सपना देखता है। हॉकी इंडिया ने एक शानदार समारोह में श्रीजेश को 'आधुनिक भारतीय हॉकी का भगवान' घोषित किया।
2016 रियो ओलंपिक में भारत का नेतृत्व करने वाले श्रीजेश को करियर में काफी सफलताएं मिली हैं, जिसमें एशियाई खेलों के स्वर्ण और दो चैंपियंस ट्रॉफी रजत पदक भी शामिल हैं, लेकिन उन्हें कोई विश्व कप ट्रॉफी या पोडियम फिनिश नहीं मिला है, जिसको लेकर उन्होंने अफसोस जताया। हालांकि उनको उम्मीद है कि टीम अगली बार पोडियम फिनिश करेगी।
उनसे सभी प्रमुख वैश्विक आयोजनों में विजेता टीम का हिस्सा होने के बारे में पूछा गया, जिस पर विदाई समारोह के दौरान श्रीजेश ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा ''विश्व कप मिस हो गया।'' उन्होंने आगे कहा, ''मैंने चार विश्व कप खेले, जिसमें से तीन भारत में थे। लेकिन दुर्भाग्य से हम ट्रॉफी या पदक नहीं जीत सके।
उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि हम 2026 में ऐसा कर पाएंगे और मैं (कप्तान) हरमनप्रीत को अपनी एक जर्सी दूंगा, ताकि जब वे अगले विश्व कप में पोडियम पर जाएं तो वह इसे थामे रहें।" इस अवसर पर श्रीजेश के साथ उनकी पत्नी, दो बच्चे और माता-पिता के अलावा पेरिस ओलंपिक की पूरी भारतीय टीम भी मौजूद थी। इस मौके पर पेरिस ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली निशानेबाज मनु भाकर, पूर्व ओलंपियन हरबिंदर सिंह, अजितपाल सिंह, मीर रंजन नेगी, सरदार सिंह भी मौजूद थे।
श्रीजेश ने उन पलों को भी याद किया जब वह पदक जीतने के बाद गोलपोस्ट पर बैठे थे और उनके साथी उनके आगे झुक रहे थे और फिर कप्तान हरमनप्रीत सिंह उन्हें कंधे पर उठाकर मैदान में घूमे। भारत के लिए 336 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले श्रीजेश अपने साथियों द्वारा दी गई विदाई से अभिभूत थे और फ्रांस की राजधानी में टीम के पोडियम पर पहुंचने के बाद उनकी आंखों में आंसू थे।
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