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कुश्ती मुकाबला हारने पर मचा घमासान, रेफरी के सीने पर पहलवान ने मारी लात; गालियां तक दी गईं

  • 'महाराष्ट्र केसरी' कुश्ती प्रतियोगिता में मुकाबला हारने पर घमासान मच गया। पहलवान शिवराज राक्शे ने फैसले का विरोध करते हुए रेफरी के सीने पर लात मार दी।

Md.Akram भाषाMon, 3 Feb 2025 10:47 PM
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कुश्ती मुकाबला हारने पर मचा घमासान, रेफरी के सीने पर पहलवान ने मारी लात; गालियां तक दी गईं

'महाराष्ट्र केसरी' कुश्ती प्रतियोगिता के 67वें सत्र के मुकाबले के दौरान हारने वाले एक पहलवान ने रेफरी के सीने पर लात मार दी जबकि एक अन्य पहलवान ने उन्हें गालियां दीं, जिससे प्रतियोगिता में अफरा-तफरी का माहौल रहा। यह टूर्नामेंट रविवार को अहिल्यानगर में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल की मौजूदगी में आयोजित किया गया था। पुणे के पहलवान पृथ्वीराज मोहोल को मैट वर्ग के सेमीफाइनल में विजेता घोषित किए जाने के बाद उनके प्रतिद्वंद्वी शिवराज राक्शे ने फैसले का विरोध करते हुए रेफरी के सीने पर लात मार दी।

'मेरा कंधा मैट से नहीं टकराया था'

‘महाराष्ट्र केसरी’ के दो बार के विजेता रक्शे ने कहा, ‘‘मेरा कंधा मैट से नहीं टकराया था लेकिन रेफरी ने मेरी हार का फैसला सुना दिया। मैं जब अपने मामले को लेकर उनसे बहस कर रहा था तब मेरे साथ बदतमीजी की गयी। इसीलिए मैंने ऐसा कदम (लात मारना) उठाया। कुश्ती संस्था द्वारा तीन साल के लिए निलंबित किए गए रक्शे ने कहा कि रेफरी के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह फैसले के खिलाफ अदालत जाएंगे।

'इस घटना के बाद रेफरी डर गए हैं'

महाराष्ट्र कुश्ती संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष संदीप भोंडवे ने कहा कि ‘बाउट’ के दौरान रेफरी ने पुष्टि की कि रक्शे गिर गया था। साइड रेफरी और मैट चेयरमैन ने भी रेफीरी के फैसले का समर्थन किया। उन्होंने कहा, ‘‘‘यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग’ के अनुच्छेद 31 के तहत फैसले को रक्शे की चुनौती स्वीकार नहीं की गई। इस घटना के बाद रेफरी डर गए हैं और हो सकता है कि वे भविष्य में ऐसे टूर्नामेंटों में नहीं आएं।’’

'मैं पहलवान हूं, अपना काम किया है'

इसके बाद मोहोल और महेंद्र गायकवाड के बीच फाइनल मैच के दौरान भी विवाद हुआ। गायकवाड़ ने 16 सेकेंड शेष रहते मुकाबला छोड़ दिया और बाद में रेफरी पर अभद्र टिप्पणी की। गायकवाड़ को भी तीन साल के लिए निलंबित कर दिया गया। मोहोल ने प्रतिष्ठित ‘महाराष्ट्र केसरी’ खिताब जीतने के बाद कहा कि यह उनके कुश्ती करियर का सबसे बड़ा क्षण था। मोहोल ने कहा, ‘‘मैं रेफरी के फैसले के बारे में कुछ नहीं कह सकता। रेफरी का फैसला अंतिम होता है। मैं एक पहलवान हूं और मैंने अपना काम किया है।’’

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