गुकेश डी ने छोटी सी उम्र में बना दिया कीर्तिमान, चीनी खिलाड़ी डिंग लिरेन को पछाड़ चेस में बने सबसे युवा विश्व चैंपियन
- भारत के युवा ग्रैंड मास्टर गुकेश डी ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है। उन्होंने चीनी खिलाड़ी डिंग लिरेन को पछाड़कर चेस में सबसे युवा वर्ल्ड चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया है।
ग्रैंड मास्टर गुकेश डोमराजू (Gukesh D) ने इतिहास रच दिया, वे सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बन गए हैं। उन्होंने 14वें और अंतिम गेम में चीन के डिंग लिरेन को हराया। 6.5 अंकों के साथ खेल की शुरुआत करते हुए अंतिम मैच भी ड्रॉ की ओर बढ़ता दिख रहा था। हालांकि, डिंग लिरेन की एक आखिरी गलती ने गुकेश डी को जीत दिला दी और वे दुनिया के सबसे युवा चेस चैंपियन बन गए। 12 साल के बाद किसी भारतीय ने यह खिताब जीता है।
गुकेश डी ने 18 साल 8 महीने और 14 दिन की उम्र में 12 दिसंबर 2024 को वर्ल्ड चैंपियन का खिताब अपने नाम किया है। वे इस चैंपियनशिप को जीतने वाले सबसे युवा हैं। उनसे पहले ये रिकॉर्ड रूस के गैरी कास्पारोव के नाम था। उन्होंने 22 साल 6 महीने और 27 दिन की उम्र में 9 नवंबर 1985 को वर्ल्ड चैंपियन का खिताब अपने नाम किया था। दिग्गज चेस प्लेयर मैग्नस कार्ल्सन का नाम इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर आता है। इस तरह किसी खिलाड़ी को कास्पारोव का रिकॉर्ड तोड़ने में 39 साल लगे हैं।
गुकेश डी से पहले साल 2012 में विश्वनाथन आनंद भारत की ओर से विश्व शतरंज चैंपियन बने थे। गुकेश के लिए यह एक शानदार साल का अंत है। इस साल वे कई और खिताब जीत चुके हैं, जिनमें कैंडिडेट्स 2024 टूर्नामेंट और शतरंज ओलंपियाड शामिल है, जिसमें उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था। वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद गुकेश डी इमोशनल भी नजर आए। चेस.कॉम द्वारा शेयर की गई वीडियो में देखा जा सकता है कि वे खिताब जीतने के बाद कितने भावुक थे।
बता दें कि सितंबर में गुकेश डी ने बुडापेस्ट में चेस ओलंपियाड में डबल गोल्ड जीता था। उस टूर्नामेंट में भारतीय खिलाड़ियों ने दमदार प्रदर्शन किया था। डी गुकेश ने भी छोटी सी उम्र से चेस खेलना शुरू किया था और महज 18 साल के हैं। 29 मई 2006 को जन्मे इस खिलाड़ी ने कम उम्र में ही ग्रैंड मास्टर का खिताब हासिल कर लिया था। भारत की युवा इस खेल को खूब पसंद कर रहे हैं। प्रगनानंद रमेशबाबू मैग्नस कार्लसन जैसे दिग्गज को टक्कर दे चुके हैं।
दुनिया के इस समय पांचवें नंबर के चेस प्लेयर गुकेश डी ने महज 7 साल की उम्र से चेस खेलना शुरू कर दिया था। उन्होंने 2015 में एशियन स्कूल शतरंज चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था। 2018 में विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप भी वे जीत चुके हैं। इसके अलावा भी कई खिताब उन्होंने जूनियर लेवल पर अपने नाम किए हैं। अब वे सीनियर लेवल पर तहलका मचा रहे हैं। वह एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल चेस में अपने नाम कर चुके हैं।
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