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Hindi Newsखेल न्यूज़अन्य खेलArchana Kamat quits table tennis at 24 after Paris Olympics now this is her new dream

अर्चना कामत ने 24 की उम्र में टेबल टेनिस से मुंह मोड़ा, पेरिस ओलंपिक के बाद हैरतअंगेज फैसला; अब ये है नया ख्वाब

  • अर्चना कामत ने टेबल टेनिस से अलविदा कह दिया है। उनका नया ख्वाब अर्थशास्त्री बनना है। 24 वर्षीय कामत ने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्होंने भविष्य को वित्तीय तौर पर बेहतर करने के लिए ये फैसला नहीं लिया है।

Md.Akram भाषाFri, 23 Aug 2024 06:44 AM
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अर्चना कामत को भारतीय जर्सी की कमी महसूस होगी लेकिन यह टेबल टेनिस खिलाड़ी भविष्य में अलग तरीके से अर्थशास्त्री के तौर पर देश की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हाल में पेरिस ओलंपिक में जर्मनी से क्वार्टर फाइनल में भारत की हार के कुछ दिनों बाद बेंगलुरु की 24 वर्षीय खिलाड़ी अर्चना ने अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी में लोक नीति में स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने का फैसला किया। अर्चना ने जब अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की थी तब वह किशोरी थी इसलिए टेबल टेनिस से दूर जाने का फैसला उनके लिए काफी भावनात्मक रहा। लेकिन उन्हें अपने स्कूल के दिनों से ही पढ़ाई काफी पसंद थी। वह 10वीं और 12वीं की परीक्षा में क्रमश: 98.7 और 97 प्रतिशत अंक प्राप्त करके टॉपर रही थीं।

दूसरी मास्टर्स डिग्री हासिल कर रहीं

अब वह मिशिगन में अपनी दूसरी मास्टर्स डिग्री हासिल कर रही हैं। उन्होंने पहले ही अंतरराष्ट्रीय संबंधों में स्नातकोत्तर पूरी कर ली है। अर्चना ने अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और वह दो साल बाद भारत लौटकर संभवतः अर्थशास्त्री के तौर पर देश की सेवा करना चाहती हैं। मशहूर अर्थशास्त्री संजीव सान्याल से लेकर टेनिस स्टार कार्लोस अल्काराज और राफेल नडाल जैसे खिलाड़ी उनके आदर्श हैं। मिशिगन के एन आर्बर से पीटीआई से बात करते हुए अर्चना ने ओलंपिक के तुरंत बाद खेल को अलविदा करने के अपने फैसले के बारे में बात की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्होंने भविष्य को वित्तीय तौर पर बेहतर करने के लिए ऐसा नहीं किया क्योंकि उनके नियोक्ता इंडियन ऑयल, ओजीक्यू और सरकार ने उनका ख्याल रखा है।

'मेरे फैसले का इससे लेना-देना नहीं'

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे हमेशा से पढ़ाई करना पसंद रहा है और उतना ही टेबल टेनिस भी। मैंने पिछले साल मिशिगन में भी इस कोर्स के बारे में पूछा था लेकिन तब हमने पहली बार बतौर टीम पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था और मैं उस पर ध्यान केंद्रित करना चाहती थी।’’ अर्चना ने कहा, ‘‘अब जब ओलंपिक हो चुके हैं तो मैं और पढ़ाई करना चाहती हूं और दो साल बाद भारत वापस आकर लोगों की सेवा करना चाहती हूं। मेरे फैसले का वित्तीय लाभ से कोई लेना-देना नहीं है।’’

'यह चीज सबसे ज्यादा याद आएगी'

अर्चना के माता-पिता दोनों नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं। उनका भाई अभी अमेरिका में ‘एयरोस्पेस इंजीनियरिंग’ में पीएचडी कर रहा है। अर्चना को अमेरिका में टेबल टेनिस खेलना जारी रखने की उम्मीद है और उन्हें टीम के माहौल की सबसे ज्यादा याद आएगी। उन्होंने कहा, ‘‘ओलंपिक के बारे में सबसे अच्छी बात शरत कमल और मनिका बत्रा जैसे वरिष्ठ खिलाड़ियों के साथ रहना था। माहौल बहुत अच्छा था। मुझे नोवाक जोकोविच, राफेल नडाल और कार्लोस अल्काराज से भी मिलने का मौका मिला। मुझे अपने देश के लिए खेलना भी पसंद है और यही चीज है जिसकी मुझे सबसे ज्यादा याद आएगी। मुझे उम्मीद है कि मैं अमेरिका में टेबल टेनिस खेलती रहूंगी।’’

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