चेस ओलंपियाड में भारत ने रचा इतिहास, पुरुष और महिला टीम ने एक साथ जीते गोल्ड
- भारत ने रविवार को इतिहास रच दिया जब पुरुष और महिला टीमों ने 45वें शतरंज ओलंपियाड में अंतिम दौर में अपने अपने प्रतिद्वंद्वियों को हराकर इस प्रतियोगिता में पहली बार स्वर्ण पदक जीते।
भारत ने रविवार को इतिहास रच दिया जब पुरुष और महिला टीमों ने 45वें शतरंज ओलंपियाड में अंतिम दौर में अपने अपने प्रतिद्वंद्वियों को हराकर इस प्रतियोगिता में पहली बार स्वर्ण पदक जीते। भारतीय पुरुष टीम ने 11वें और अंतिम दौर में स्लोवेनिया को 3.5-0.5 से हराया जबकि महिला टीम ने भी अजरबेजान को समान अंतर से शिकस्त दी। भारतीय पुरुष टीम ने इससे पहले टूर्नामेंट के 2014 और 2022 चरण में कांस्य पदक जीते थे। भारतीय महिला टीम ने चेन्नई में 2022 के चरण में कांस्य पदक जीता था।
विश्व चैम्पियनशिप चैलेंजर और ग्रैंडमास्टर डी गुकेश (18 वर्ष), अर्जुन एरिगेसी (21 वर्ष) और आर प्रज्ञानानंदा (19 वर्ष) ने एक बार फिर अहम मुकाबलों में अच्छा प्रदर्शन किया जिससे भारत को ओपन वर्ग में अपना पहला खिताब जीतने में मदद मिली।
स्लोवेनिया के खिलाफ मुकाबले में गुकेश ने काले मोहरों से व्लादिमीर फेडोसेव के खिलाफ तकनीकी चरण में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। हालांकि उन्हें मुश्किल से जीत मिली, लेकिन 18 वर्षीय ग्रैंडमास्टर ने शानदार रणनीति अपनाई।
एरिगेसी ने तीसरे बोर्ड पर काले मोहरों से खेलते हुए जान सुबेलज को मात दी।
इतना ही काफी नहीं था, इसके बाद प्रज्ञानानंदा ने फॉर्म में आते हुए एंटोन डेमचेंको पर एक शानदार जीत हासिल की। इसके बाद चौथे बोर्ड पर विदित गुजराती (29 वर्ष) ने ड्रॉ खेला।
गुकेश ने कहा, ‘‘मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं, विशेषकर अपने खेल के स्तर और एक टीम के तौर पर हमारे प्रदर्शन को देखकर। ’’
शतरंज के महान खिलाड़ी और पांच बार विश्व चैंपियनशिप खिताब जीत चुके विश्वनाथन आनंद अगली पीढ़ी के भारतीय खिलाड़ियों को दुनिया पर राज करते देखने के लिए एरीना में मौजूद थे।
भारतीय पुरुष टीम ने 22 में से 21 अंक हासिल किए। खिलाड़ियों ने सिर्फ उज्बेकिस्तान के खिलाफ 2-2 से ड्रॉ खेला।
भारतीय महिला टीम के लिए डी हरिका (33 वर्ष) ने भी प्रज्ञानानंदा की तरह अंतिम दौर में फॉर्म हासिल करते हुए पहले बोर्ड पर तकनीकी श्रेष्ठता दिखाई और गुनय ममादजादा पर जीत हासिल की।
18 वर्षीय दिव्या देशमुख ने एक बार फिर अपने प्रतिद्वंद्वी को पछाड़कर तीसरे बोर्ड पर अपना व्यक्तिगत स्वर्ण पदक पक्का किया। उन्होंने गोवहार बेयदुलायेवा को मात दी जिससे उनके 11 में से 9.5 अंक रहे।
आर वैशाली (23 वर्ष) के उलविया तालियेवा से ड्रा खेलने के बाद वंतिका अग्रवाल (21 वर्ष) की मुश्किल परिस्थितियों से वापसी करते हुए खानिम बालाजायेवा पर शानदार जीत से भारतीय टीम ने स्वर्ण पदक सुनिश्चित किया।
महिला टीम ने कुल 19 अंक हासिल किये जिससे अंतिम दौर में उसे जीत की दरकार थी। अजरबेजान पर जीत हासिल करते ही स्वर्ण पदक टीम की झोली में था क्योंकि बीती रात संयुक्त रूप से शीर्ष पर चल रही कजाखस्तान ने अमेरिका से ड्रॉ खेला।
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