जयपुर में 24 घंटे पानी सप्लाई की तैयारी में जलदाय विभाग, दो जगह शुरू किया ट्रायल
- ट्रायल में सफलता मिलने के बाद इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी और सरकार के स्तर पर ही शहर में 24 घंटे पानी देने का निर्णय किया जाएगा।बनीपार्क के 1310 और बजाज नगर के 575 घरों में 24 घंटे पानी दिया जा रहा है।
राजस्थान के जयपुर में जलदाय विभाग ने शहर में 24 घंटे पानी देने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए शहर के दो इलाकों बनीपार्क और बजाज नगर में ट्रायल भी शुरू कर दिया गया है। ट्रायल के बाद दोनों ही इलाकों के सैकड़ों घरों में 24 घंटे पानी सप्लाई किया जा रहा है। प्रतिदिन इसका फीडबैक लेकर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। ट्रायल में सफलता मिलने के बाद इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी और सरकार के स्तर पर ही शहर में 24 घंटे पानी देने का निर्णय किया जाएगा।
ईटीवी भारत राजस्थान की खबर के अनुसार जलदाय विभाग की ओर से जयपुर शहर के अन्य इलाकों विद्याधर नगर, कंवर नगर, तेजाजी खोर, मालवीय नगर, मानसरोवर, आशीष विहार, निधि विहार में 24 घंटे पानी देने के लिए सर्वे शुरू कर दिया गया है। विभाग के इंजीनियरों के अनुसार ट्रायल में सफलता मिलने के बाद अन्य इलाकों में भी आम जनता को 24 घंटे पानी दिया जाएगा। इसकी एक रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेजी जाएगी।
जलदाय विभाग के उत्तर सर्कल के अधीक्षण अभियंता रामावतार सैनी ने बताया कि बनीपार्क के 1310 और बजाज नगर के 575 घरों में 24 घंटे पानी दिया जा रहा है। इनमें से बनीपार्क की 9000 और बजाज नगर की 4025 आबादी को लाभ मिल रहा है। सैनी ने बताया कि वर्तमान में शहर के एक उपभोक्ता को 135 लीटर प्रतिदिन पानी दिया जा रहा है।
24 घंटे पानी देने का मकसद है कि एक उपभोक्ता की पानी की खपत 100 लीटर प्रति दिन हो जाए। इसमें सफलता मिलने के बाद अन्य इलाकों में भी 24 घंटे पानी देने का निर्णय होगा। रामावतार सैनी ने बताया कि 24 घंटे पानी देने से प्रति व्यक्ति प्रतिदिन पानी की खपत में डेनमार्क में कमी आई है. 24 घंटे पानी देने से पहले डेनमार्क में प्रतिदिन पानी की खपत 150 लीटर प्रति व्यक्ति थी। 24 घंटे पानी सप्लाई के बाद वहां प्रति व्यक्ति पानी की खपत 100 लीटर प्रति दिन रह गई। इस तरह 24 घंटे पानी सप्लाई से डेनमार्क को सफलता मिली है।
24 घंटे पानी की सप्लाई के कई फायदे होंगे। ट्रायल के दौरान उपभोक्ताओं के पानी के मीटरों का भी सर्वे होगा. इसके लिए मीटरों को विभाग की लैब में भेजा जाएगा। जहां उन मीटरों की जांच होगी कि वे पानी की सही गणना कर रहे हैं या नहीं। इसके अलावा जो खराब मीटर हैं, उनको भी बदलने का कार्य किया जाएगा। सैनी ने बताया कि 30 से 35 फीसदी पानी अनावश्यक खर्च हो जाता था, जिसका रिवेन्यू विभाग को नहीं मिलता था।
24 घंटे पानी सप्लाई से हम नॉन रेवेन्यू वाटर की मात्रा 15 फीसदी तक लाना चाहते हैं। इससे बचा हुआ पानी अन्य क्षेत्रों में सप्लाई कर सकेंगे। सैनी ने बताया कि पहले एकत्र किया हुआ पानी उपभोक्ता फेंक देते थे। 24 घंटे पानी सप्लाई के बाद पानी स्टोर करके रखने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे पानी की बचत भी होगी।