वसुंधरा राजे का आलाकमान पर निशाना या सीएम भजनलाल शर्मा पर गुस्सा?
- राजनीतिक विश्लेषक राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बयान को भाजपा आलाकमान और सीएम भजनलाल शर्मा की आलोचना के तौर पर देख रहे है। ताजा बयान के बाद यह अटकलें लगाई जा रही है कि उनकी निशाना पार्टी आलाकमान पर भी था।
जयपुर। राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने एक बार फिर ठहरे हुए पानी में कंकर फेंक दिया है। राजनीतिक विश्लेषक वसुंधरा राजे के बयान को भाजपा आलाकमान और सीएम भजनलाल शर्मा की आलोचना के तौर पर देख रहे है। वसुंधरा राजे के ताजा बयान के बाद यह अटकलें लगाई जा रही है कि उनकी निशाना पार्टी आलाकमान पर भी था। जबकि कुछ का मानना है कि राजे की आलोचना राज्य सरकार के भीतर के लोगों पर थी, जिसमें सीएम भजनलाल शर्मा और डिप्टी सीएम दीया कुमारी शामिल है।
उल्लेखनीय है कि वसुंधरा राजे एक बड़ा चेहरा होने के बावजूद मुख्यमंत्री नहीं बनाई गईं। जबकि उनका नाम सबसे आगे चल रहा था। लेकिन उनकी जगह भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बना दिया गया था। यहीं उनकी नाराजगी का कारण हो सकता है।इससे पहले 24 जून 2024 को वसुंधरा राजे ने पाला बदलने वाले नेताओं पर निशाना साधा था। राजे ने कहा कि आज लोग उस उंगली को पहले काट देते हैं, जिसे पकड़ कर चलना सीखते हैं। भंडारी ने पूर्व उप राष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत सहित कई नेताओं को आगे बढ़ाया था, लेकिन वफा का वह दौर अलग था।दरअसल,आजकल उन नेताओं ने भी उनसे दूरी कायम कर ली है। वसुंधरा का यह बयान उन नेताओं की तरफ इशारा माना गया जो पाला बदल गए थे।
वसुंधरा राजे ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि कई लोगों को पीतल की लौंग क्या मिल जाती है, वह अपने आपको सराफ समझ बैठते हैं। राजे ने कहा कि चाहत बेशक आसमां छूने की रखो, लेकिन पांव हमेशा जमीन पर रखो। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा कि ओम माथुर चाहे कितनी ही बुलंदियों पर पहुंचें, इनके पैर सदा जमीन पर रहे हैं। इसीलिए इनके चाहने वाले भी असंख्य हैं, वरना कई लोगों को पीतल की लौंग क्या मिल जाती है, वह अपने आपको सराफ समझ बैठते है। उन्होंने कहा कि माथुर से ऐसे लोगों को सीख लेनी चाहिए कि 'चाहत बेशक आसमां छूने की रखो, लेकिन पांव हमेशा जमीन पर रखो।