टोंक हिंसा : किरोड़ी लाल मीणा पर क्यों भड़क गए सचिन पायलट?
- पायलट ने कहा- सरकार के मंत्रियों ने न्यायिक जांच की मांग की थी। अब अगर कोई अधिकारी जांच करेगा तो आज ही बता रहा हूं कि कुछ भी निकलकर नहीं आएगा। तथ्य तक पहुंचना है तो न्यायिक जांच जरूरी है।
राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि समरावता कांड की न्यायिक जांच जरूरी है। अधिकारी जांच करेगा तो कुछ सामने नहीं आएगा। पायलट ने बिना नाम लिए इशारों में कृषि मंत्री किरोड़ी लाल पर निशाना साधा। पायलट ने कहा- पहले कहा गया कि इसकी न्यायिक जांच होगी। अब कह रहे हैं कि संभागीय आयुक्त से जांच करवाई जाएगी। सरकार के मंत्रियों ने न्यायिक जांच की मांग की थी। अब अगर कोई अधिकारी जांच करेगा तो आज ही बता रहा हूं कि कुछ भी निकलकर नहीं आएगा। तथ्य तक पहुंचना है तो न्यायिक जांच जरूरी है।
सचिन पायलट ने कहा कि पता नहीं सरकार क्या चाहती है, लेकिन यह सरकार का एक चेहरा सामने आया है। उस दिन मतदान चल रहा था। जांच इस बात की होनी चाहिए कि यह लापरवाही जान-बूझकर की गई क्या।सरकार, पुलिस और प्रशासन ने गांव में घुसकर जो किया है, रात के अंधेरे में जाकर बच्चों, बूढ़ों और महिलाओं को पीटा गया है। आंसू गैस के गोले छोड़े हैं। उनका क्या गुनाह था। वो कौनसे आतंकवादी थे। हिंसा अगर सरकार की मशीनरी भी करती है तो इसकी जांच होनी चाहिए।
पायलट ने समरावता कांड को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। जयपुर हवाई अड्डे पर मीडिया से बातचीत में पायलट ने कहा, राजस्थान हो या देश का कोई दूसरा कोना हो खासतौर पर जो व्यक्ति राजनीति में हैं। कारण चाहे जो भी हो लेकिन अगर वो किसी पर आक्रमण करते हैं या किसी पर हिंसा करते हैं तो कौन सही ठहराएगा। मैं तो इसे गलत मानता हूं। अगर आप हिंसा का सहारा लेकर आगे काम करना चाहते हैं तो उसका कौन समर्थन करेगा। यह सरकार पर भी लागू होता है।
सचिन पायलट ने कहा कि, किस राजनीतिक पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया गया। रात में जाकर पिटाई की गई। कौन खुद अपने गाड़ी और मकान में आग लगाएगा। अगर बाहर के लोग थे तो वे वहां आए कैसे। सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है। जानबूझकर टारगेटेड कार्रवाई की गई है। गरीब लोगों को तंग करने का काम किया गया है।