आज राजस्थान में 30 हजार निजी बसों के पहिए थमें, हड़ताल से 40 लाख लोग प्रभावित; जानिए मांगे
आज राजस्थान में निजी बस संचालक एकदिवसीय हड़ताल पर हैं। इससे राज्य की करीब 30 हजार बसों के पहिए थम गए हैं। इस कारण करीब 40 लाख लोगों को आवागमन की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। जानिए इनकी मांगे।
राजस्थान में आज यानी मंगलवार को निजी बस संचालकों की हड़ताल है। हड़ताल का कारण किराया बढ़ाना, अस्थाई परमिट जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाने जैसी तमाम छोटी-बड़ी मांगे हैं। इस हड़ताल से गांव-देहात का कमजोर वर्ग सबसे ज्यादा परेशानी झेल रहा है। बस ऑपरेटर एसोसिएशन-राजस्थान के अध्यक्ष सत्यनारायण साहू ने दावा किया कि इस एक दिवसीय हड़ताल के कारण राजस्थान भर में करीब 30 हजार निजी बसें नहीं चल रही हैं। इस कारण करीब 40 लाख लोगों का आवागमन प्रभावित हुआ है।
अध्यक्ष ने बताया कि हड़ताल के कारण इन बसों का परिचालन सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक बंद रहेगा। बस संचालक अपनी मांगों को लेकर जयपुर के सिंधी कैंप समेत पूरे प्रदेश में जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने अपनी 24 सूत्रीय मांगें परिवहन विभाग को सौंप दी हैं। मांगें पूरी नहीं होने से बस संचालकों में नाराजगी है। साहू ने कहा कि हड़ताल के कारण राज्य भर में लगभग 40 लाख लोगों का आवागमन प्रभावित होगा। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन के बाद बस संचालक सभी जिला मुख्यालयों पर संबंधित अधिकारी को ज्ञापन सौंपेंगे।
इस हड़ताल के तहत निजी बस संचालकों के समूह ने जयपुर में सिंधी कैंप में प्रदर्शन किया। एसोसिएशन की मांग है कि अस्थाई परमिट ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन भी जारी किए जाएं, क्योंकि सर्वर की समस्या के कारण अक्सर परमिट जारी नहीं हो पाते हैं। परमिट जारी नहीं होने के कारण हमारी बुकिंग रद्द हो जाती है। इसके अलावा वे पिछले दो महीनों में बारिश के कारण संचालित नहीं हो पाने वाली बसों का रोड टैक्स माफ करने और किराया बढ़ाने की भी मांग कर रहे हैं। शासन-प्रशासन से निजी बस के संचालक उम्मीद लगा रहे हैं कि उनकी मांगे जल्द ही पूरी कर दी जाएंगी। वहीं प्रशासन भी हर पहलू से समझ रहा है कि मांगे मानने से किस तरह के प्रभाव पड़ सकते हैं।
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