Hindi Newsराजस्थान न्यूज़Supreme Court sends contempt notice to Rajasthan officials regarding pollution caused by firecrackers

पटाखों से होते पलूशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के अधिकारियों को भेजे अवमानना नोटिस

पटाखों के कारण होते ध्वनी और वायू प्रदूषण से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया है।

Ratan Gupta हिन्दुस्तान टाइम्स, अब्राहम थॉमस, जयपुरMon, 28 Oct 2024 05:01 PM
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दिवाली से पहले सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के शीर्ष अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किए हैं। इन अधिकारियों के ऊपर पटाखों से होने वाली ध्वनी और वायू प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने के लिए अपने(सुप्रीम कोर्ट) द्वारा दिए निर्दशों का उल्लंघन करने का आरोप है। इसके साथ ही कोर्ट ने चार सप्ताह के भीतर एक मामले में जवाब भी मांगा है। यह मामला न्यूज से जुड़ा है, जिसमें उदयपुर की झीलों के पास जले हुए पटाखे पड़े हुए दिखाए गए थे।

कोर्ट में दायर की गई थी अवमानना याचिका

यह निर्देश न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और एन कोटिश्वर सिंह द्वारा जारी किया गया था। यह आदेश उदयपुर की निवासी भाग्यश्री पंचोली द्वारा दायर अवमानना याचिका पर पारित किया गया था। याचिका में राज्य द्वारा 7 नवंबर 2023 को अदालत के निर्देश का पालन करने में विफलता का हवाला दिया गया था। इसमें राज्य को न केवल त्योहारों के मौसम के दौरान बल्कि अन्य दिनों में भी वायु और ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए कहा गया था।

इन अधिकारियों को जारी किए गए नोटिस

पीठ ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (पर्यावरण) अपर्णा अरोड़ा, उदयपुर जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल, उदयपुर के पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल और राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी शरद सक्सेना को नोटिस जारी किए। हालांकि मामले की अगली सुनवाई के समय कथित अवमाननाकर्ताओं को अदालत में उपस्थित रहना आवश्यक है, लेकिन पीठ ने उन्हें चार सप्ताह के भीतर जवाब देने का निर्देश देकर छूट दे दी। इसके साथ ही कहा है कि कथित अवमाननाकर्ताओं की उपस्थिति समाप्त की जाती है।

झील के तल पर पड़ा मिला पटाखों का मलवा

इसने 8 जनवरी को एक समाचार लेख प्रकाशित किया गया था। इसमें उदयपुर की झीलों के तल पर पटाखों का मलबा पड़ा हुआ दिखाया गया था। इस समाचार के बाद आवेदक ने न्यायालय के आदेश के उल्लंघन का हवाला देते हुए उदयपुर में जिला अधिकारियों को कई पत्र भेजे थे। इसके साथ ही अदालत में दायर किए गए आवेदन में जिन अवमाननाकर्ताओं का नाम लिया गया है, वे अपनी जानबूझकर की गई अवज्ञा और अपमानजनक कृत्यों के लिए उत्तरदायी हैं।

साल 2023 में कोर्ट ने जारी किया था निर्देश

7 नवंबर 2023 को अदालत ने विशेष रूप से राजस्थान को निर्देश देते हुए एक निर्देश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि हम यह स्पष्ट करते हैं कि राजस्थान राज्य भी पलूशन पर ध्यान देगा और न केवल त्यौहार के मौसम के दौरान बल्कि उसके बाद भी वायु या ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए सभी कदम उठाएगा। इस आदेश के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए अधिवक्ता पूजा धर द्वारा दायर आवेदन में स्पष्ट निर्देशों के बावजूद न्यायालय के आदेशों को लागू करने में अधिकारियों की विफलता को उजागर किया गया।

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