सीकर में बिजली विभाग के कर्मचारियों को बनाया बंधक, बिजली नहीं आने से थे नाराज
राजस्थान के सीकर जिले में बिजली कटौती से नाराज लोगों ने बिजली विभाग के कर्मचारियों को बंधक बना लिया। दरअसल, ग्रामीण इस बात से नाराज थे कि बिजली कर्मी फोन नहीं उठाते है। अंधेरे में डूबे रहते है।
राजस्थान के सीकर जिले में बिजली कटौती से नाराज लोगों ने बिजली विभाग के कर्मचारियों को बंधक बना लिया। बता दें इन दिनों सीकर जिले में तापमान 45 डिग्री से ज्यादा होने के साथ ही बिजली डिमांड भी बढ़ गई है। लगातार क्षेत्र में विद्युत सप्लाई बाधित हो रही है। जबकि बुधवार को पारा 47 डिग्री पार कर गया। देर रात मोचीवाड़ा, भार्गव बस्ती और शीतला चौक में विद्युत सप्लाई बाधित रही ऐसे में बार-बार स्थानीय लोगों के फोन करने पर भी विभाग के कर्मचारियों द्वारा फोन नहीं उठाने पर आज लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। भीषण गर्मी से परेशान मोहल्लेवासियों ने आज सुबह विभाग के कर्मचारियों और ठेकेदार के मौके पर पहुंचने पर बंधक बना लिया।
इस दौरान विभाग की गाड़ी के चारों टायर की हवा निकाल दी। विद्युत समस्या से पीड़ित दलित बस्ती के लोगों ने बताया कि प्रचंड गर्मी पड़ रही है और बार-बार विद्युत कटौती हो रही है। लाइट कटने पर कर्मचारी फोन नहीं उठाते हैं। देर रात से हमारी बस्ती में लाइट नहीं हैं 12 घंटे से अंधेरे में हैं हमारी बस्ती के लोग और ज़िम्मेदार फोन नहीं उठा रहे हैं। जिसके चलते बस्ती के लोगों में भारी आक्रोश हैं।
मोहल्ले के राकेश पंवार ने बताया कि बुधवार रात करीब साढ़े नौ बजे से बाल्मीकी बस्ती में पावर कट था। जिसको लेकर मोहल्ले के लोगों ने बिजली बिल पर आने वाले टोल फ्री नंबर, विभाग के अधिकरी और ठेकेदार को कॉल किया था, लेकिन इसके बाद भी समस्या का कोई समाधान नहीं किया गया। मोहल्ले के लोग पूरी रात गर्मी से परेशान घर के आगे बैठे रहे। गर्मी के चलते छोटे बच्चे रोते बिलखते रहे, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं किया गया। सुबह करीब साढ़े नौ बजे विभाग के जेईएन और ठेकेदार मूलचंद स्वामी मौके पर आए। जिन्होंने आते ही मोहल्ले के लोगों से अभद्रता से बात की। खुद ही अपनी गाड़ी के टायरों की हवा निकाल दी। ठेकेदार मोहल्ले के लोगों को राज कार्य में बाधा पहुंचाने के फर्जी मामले में फंसाने की धमकी दे रहा था।
सूचना मिलने पर कोतवाली थाने के एसआई रामप्रताप मौके पर पहुंचे। दोनों पक्षों को समझाकर मामला शांत करवाया। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि दलित बस्ती होने के कारण विभागीय अधिकारी बस्ती की समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं देते हैं। पूरी रात बस्ती के लोग गर्मी में परेशान हो रहे थे। इसका अधिकारियों को कोई लेना देना नहीं रहता है।