Hindi Newsराजस्थान न्यूज़sikar jeen mata mandir: The annual fair of Jeen Dham will be held in Sikar from April 9 these arrangements are made for the devotees

Sikar: जीण माता का वार्षिक मेला 9 अप्रैल से लगेगा, श्रद्धालुओं के लिए ये खास इंतजाम

राजस्थान के सीकर जिला स्थित शक्ति पीठ जीण धाम का वार्षिक लक्खी मेला 9 से 17 अप्रैल तक लगेगा। मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 1000 पुलिस के जवान मौजूद रहेंगे। इस बार मेले में खास इंतजाम किए है।

Prem Narayan Meena लाइव हिंदुस्तान, जयपुरThu, 4 April 2024 06:30 PM
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राजस्थान के सीकर जिला स्थित शक्ति पीठ जीण धाम का वार्षिक लक्खी मेला 9 से 17 अप्रैल तक लगेगा। मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 1000 पुलिस के जवान मौजूद रहेंगे। मेले के दौरान 8 करोड़ की लागत से निर्मित रोपवे को शुरू किया जा सकता है। इससे काजल शिखर पहुंचने में श्रद्धालुओं को महज 4 मिनट लगेंगे। मंदिर कमेटी व प्रशासन की ओर से संबंधित अधिकारी व एजेंसियों को मेले की तैयारी की जिम्मेदारी सौंप गई है। मेले के दौरान इस बार डीजे व पॉलिथीन पर पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा। इसके साथ ही शराब व पशु बलि पर स्थाई रूप से जारी प्रतिबंधों की सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए भी एक टीम का गठन किया गया है। चिकित्सा विभाग की ओर से भी 9 अप्रैल से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्रि मेले में पांच जगह पर चिकित्सा शिविर लगाए जाएंगे। जिसमें सभी प्रकार की दवाइयां उपलब्ध रहेंगी।

श्री जीण माता मंदिर ट्रस्ट की तरफ से मंदिर परिसर में पेयजल, बैरिकेट्स, सफाई व सुलभ दर्शन की विभिन्न व्यवस्थाएं की जाएंगी। इसके अतिरिक्त ग्राम पंचायत की तरफ से भी वाहन पार्किंग, सफाई, रोशनी व पेयजल आदि व्यवस्थाएं की जाएंगी। पानी के लिए ग्राम पंचायत व पेयजल विभाग टैंकरों की व्यवस्था करेंगे। विद्युत आपूर्ति 24 घंटे रहेगी। मेले के दौरान श्रद्धालुओं को दर्शन में किसी तरह की परेशानी नहीं हो इसके लिए मंदिर कमेटी व प्रशासन ने दर्शन के लिए 400 मीटर वनवे करने का फैसला लिया है। इसमें 200 मीटर जिगजैग व 200 मीटर बैरिकेडिंग की जाएगी।

जीण माता मंदिर से श्रद्धालुओं को इस बार काजल शिखर मंदिर दर्शन के लिए रोपवे की सुविधा मिलेगी। जीण माता मंदिर से काजल सीकर मंदिर तक बनाए गए 280 मीटर रोपवे का ट्रायल चल रहा है। प्रोजेक्ट पर करीब 8 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। ट्रायल सफल रहा, तो मेले के दौरान रोपवे शुरू किया जाएगा। अभी श्रद्धालुओं को 121 सीढ़ियां चढ़कर पहाड़ी पर स्थित काजल शिखर मंदिर के दर्शन के लिए जाना पड़ता है। इसमें करीब 1 घंटे का समय लगता है। सीढ़ियों से जाने में महिला व बुजुर्ग श्रद्धालुओं को काफी परेशानी होती है। रोपवे सुविधा शुरू होने पर भक्तों को काजल शिखर तक पहुंचने में महज 4 मिनट का समय लगेगा।
 

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