जोधपुर में वोटिंग के बाद रिजर्व EVM गायब, सेक्टर ऑफिसर सस्पेंड, जानिए पूरा मामला
राजस्थान के जोधपुर में वोटिंग के बाद रिजर्व EVM गायब होने का मामला सामने आया है। गनीमत यह रही कि यह यूनिट अनपोल्ड (बिना वोट की हुई) थी यानी इसमें वोट कास्ट नहीं हुए थे। एक कार्मिक सस्पेंड।
राजस्थान के जोधपुर शहर में विधानसभा चुनाव के दिन शहर की विधानसभा सीट के सेक्टर ऑफिसर की कार से रिजर्व ईवीएम की कंट्रोल यूनिट (सीयू) गायब हो गई, लेकिन गनीमत यह रही कि यह यूनिट अनपोल्ड (बिना वोट की हुई) थी यानी इसमें वोट कास्ट नहीं हुए थे, वरना दोबारा पोलिंग करवानी पड़ती। 25 नवंबर को जिला सहित प्रदेश भर विधानसभा चुनाव हुआ था। घटना पर चुनाव आयोग के निर्देश पर जिला कलेक्टर और निर्वाचन अधिकारी हिमांशु गुप्ता ने संज्ञान लिया और पॉलिटेक्निक कॉलेज के शिक्षक सेक्टर ऑफिसर पंकज जाखड़ को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया. इसके अलावा उनके साथ वाले होमगार्ड की सेवाएं भी समाप्त कर दी गई है।
उदयमंदिर थाने में ईवीएम गुमशुदगी का मामला दर्ज
25 नवंबर को मतदान के बाद रात को जब सेक्टर ऑफिसर को गाड़ी में ईवीएम नहीं मिली तो उनकी ओर से उदयमंदिर थाने में ईवीएम गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाया गया था। गनीमत रही कि रिजर्व कंट्रोल यूनिट का कहीं पर भी उपयोग नहीं हुआ, अन्यथा निर्वाचन विभाग की परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती। जानकारी के अनुसार 25 नवंबर को सेक्टर ऑफिसर पंकज जाखड़ के अधीन पीडब्ल्यूडी ऑफिस और सेंट पैट्रिक स्कूल के मतदान केंद्र थे। सुबह 5 बजे से रात 8 बजे तक मशीन का उपयोग नहीं हुआ, लेकिन जब रात को पॉलिटेक्निक कॉलेज में मशीन वापस जमा करवानी थी. उस समय गाड़ी में ईवीएम नहीं मिली। इससे अधिकारियों की सांसें फूल गई। इसके बाद जोधपुर शहर विधानसभा के रिटर्निंग अधिकारी चंपालाल ने जिला निर्वाचन अधिकारी को इसकी सूचना दी. यह सूचना राज्य निर्वाचन विभाग जयपुर को दी गई। चंपालाल ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर हिमांशु गुप्ता ने 26 नवंबर को लापरवाही बरतने पर पंकज जाखड़ को सस्पेंड कर दिया।
पुलिस प्रशासन ने छुपाया मामला
पंकज जाखड़ ने 26 नवंबर को ईवीएम गायब होने की रिपोर्ट उदय मंदिर थाने में दर्ज करवा दी थी, लेकिन पुलिस ने अपने प्रतिदिन दर्ज होने वाले मामलों के जारी होने वाले विवरण में इसकी सूचना सार्वजनिक नहीं की। इतना ही नहीं, जिला प्रशासन ने भी सस्पेंड करने की सूचना भी तीन दिन तक दबाए रखी, जिससे कि विभाग और अधिकारी की बदनामी नहीं हो।