Ranthambore National Park: रणथम्भौर नेशनल पार्क बाघिन T-60 की मौत, सवालों में मॉनिटरिंग
राजस्थान के सवाई माधोपुर स्थित रणथम्भौर नेशनल पार्क में एक बाघिन टी-60 की मौत हो गई। नेशनल पार्क के जोन नंबर 2 में गुढा वन चौकी के पास बाघिन टी-60 का शव पड़ा मिला। मॉनिटरिंग सवालों के घेरे में है।
Sawai Madhopur News: राजस्थान के सवाई माधोपुर स्थित रणथम्भौर नेशनल पार्क से रविवार को एक बाघिन टी-60 की मौत हो गई। नेशनल पार्क के जोन नंबर 2 में गुढा वन चौकी के पास बाघिन टी-60 का शव पड़ा मिला। वन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में बाघिन टी-60 का शव राज बाग नाका वन चौकी पर लाया गया, जहां पशु चिकित्सकों ने बाघिन के शव का पोस्टमॉर्टम किया। इसके बाद, बाघिन का वन विभाग विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया। बाघिन टी-60 की मौत को लेकर वन विभाग के अधिकारी CCF पी. कथिरवेल ने कहा कि बाघिन टी-60 प्रेगनेंट थी और बाघिन अपने शावकों को जन्म देते समय कमजोर अवस्था में थी, जिसके कारण डिलीवरी के दौरान ही इसकी मौत हो गई। CCF ने कहा कि बाघिन टी-60 की मौत के कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चल सकेगा।
बाघों की मॉनिटरिंग पर भी खड़े हुए सवाल
बताया जा रहा है कि नवजात का भ्रूण तीन से चार दिन तक बाघिन की गर्भनाल में फंसा रहा। उपवन संरक्षक मोहित गुप्ता के मुताबिक जांच के लिए सैंपल भिजवा दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि बाघिन का पोस्टमार्टम किया गया है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही बाघिन टी-60 की मौत के कारण का पता चलेगा। हाल में बाघिन टी-60 की इस मौत ने रणथम्भौर वन्य अभ्यारण में टाइगर मॉनिटरिंग को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। वन्य जीव प्रेमी इस मामले में उच्च स्तर पर जांच की मांग भी कर रहे हैं। जिस तरह से बाघिन के गर्भवती होने की खबरें सामने आने के बाद उसका उसके मूवमेंट का ख्याल रखा जाना चाहिए था, उसमें अनदेखी के कारण यह हालात पैदा होने की बात कही जा रही है। शनिवार को फलौदी रेंज की बाघिन टी-99 यानी ऐश्वर्या का गर्भपात हो गया था। इससे पहले भी कई बाघ-बाघिन विभाग की लापरवाही के कारण दम तोड़ चुके हैं।