Hindi Newsराजस्थान न्यूज़Rajasthan Politics: BJP teased Vasundhara Raje by inducting Manvendra Singh into the party

Rajasthan Politics: मानवेंद्र सिंह की घर वापसी, दीया कुमारी ने साधे एक तीर से कई निशाने

राजस्थान बीजेपी में 6 साल बाद पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह की घर वापसी हुई है। सियासी जानकारों का कहना है कि डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने वापसी की पटकथा लिखी है।

Prem Narayan Meena लाइव हिंदुस्तान, जयपुरSat, 13 April 2024 11:46 AM
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राजस्थान बीजेपी में 6 साल बाद पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह की घर वापसी हुई है। मानवेंद्र सिंह को बीजेपी में लाने का श्रेय डिप्टी सीएम दीया कुमारी को दिया जा रहा है। सियासी जानकारों का कहना है कि दीया कुमारी ने मानवेंद्र सिंह की बीजेपी में लाने की पटकथा लिखी है। बता दें वसुंधरा राजे से मतभेद के चलते मानवेंद्र सिंह ने 2018 में बीजेपी छोड़ दी थी। इसके बाद कांग्रेस में शामिल हो गए थे। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राजस्थान की राजनीति में वसुंधरा राजे और दीया कुमारी की अदावत जगजाहिर है। ऐसे में दीया कुमारी ने वसुंधरा राजे के धुर विरोधी को पार्टी में शामिल करा बड़ा सियासी गेम खेला है। सियासी जानकारों का कहना है कि दीया कुमारी चाहती है कि वसुंधरा राजे के विरोधी पार्टी में शामिल हो, ताकि सियासी तौर पर कमजोर किया जा सके। जानकारों के मुताबिक वसुंधरा राजे को चिढ़ाने का कोई मौका दीया कुमारी नहीं छोड़ना चाहती है। यहीं वजह है कि पहले वसुंधरा राजे के समर्थकों के टिकट काटे गए थे। अब उनके विरोधियों की वापसी हो रही है। 

राजस्थान में वसुंधरा राजे और दीया कुमारी की बीच छत्तीस का आंकड़ा रहा है। वसुंधरा राजे ही दीया कुमारी को बीजेपी में लाईं थी लेकिन बाद में दोनों के संबंधों में कटुता आ गईं। हालांकि, दीया कुमारी हमेशा ही इस बात से इनकार करती रहीं है कि उनके वसुंधरा राजे के साथ किसी तरह के मतभेद है। सियासी जानकारों का कहना है कि भले ही दीया कुमारी इनकार करें लेकिन वसुंधरा राजे कैंप के नेता दीया कुमारी को पसंद नहीं करते है। सियासी जानकारों का कहना है कि यह भी कहना है कि विधानसभा चुनाव 2023 में वसुंधरा राजे समर्थकों को टिकट नहीं मिला। इसके पीछे बड़ी वजह वसुंधरा राजे के विरोधी नेताओं का विरोध। 

सियासी जानकारों का कहना है कि वसुंधरा राजे ने मानवेंद्र सिंह की वापसी कराकर राजपूत समाज को साधा है। दीया कुमारी सियासी तौर पर यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि वह राजपूतों की सबसे बड़ी नेता है। राजस्थान की राजनीति में सतीश पूनिया, गजेंद्र सिंह शेखावत, दीया कुमारी और राजेंद्र राठौड़ वसुंधरा विरोधी कैंप के नेता माने जाते है। बीजेपी को मजबूती देने के लिए वसुंधरा राजे का क्या रोल है? इस सवाल के जवाब में दीया कुमारी ने हाल ही में कहा था-  राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा झालावाड़ में प्रचार कर रही हैं और भी जगह वो प्रचार के लिए जाएंगी। दीया इससे पहले भी वसुंधरा राजे के साथ किसी तरह के मतभेद से इनकार कर चुकीं है। 

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बीजेपी ने घर वापसी कराकर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को चिढ़ाने का काम किया है। उल्लेखनीय है कि मानवेंद्र सिंह 2018 में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के खिलाफ विधानसभा का चुनाव लड़ चुके है। लेकिन उन्हें हार का सामान करना पड़ा था। इसके बाद 2023 में सिवाना से चुनाव लड़े लेकिन तीसरे नंबर रहे। राजस्थान की राजनीति में जसवंत सिंह और वसुंधरा राजे की अदावत चर्चित रही है। ऐसा कहा जाता है कि वसुंधरा राजे की वजह से ही बाड़मेर से जसंवत सिंह का लोकसभा टिकट कट गया था। खुद मानवेंद्र सिंह वसुंधरा राजे पर निशाना साधते रहे है। 

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