गुजरात में बिपरजॉय पड़ा ठंडा, अब राजस्थान में बरपा रहा कहर, बाढ़ जैसे बने हालात; अलर्ट मोड पर सेना
अरब सागर में उठे चक्रवात 'बिपारजॉय' के असर से राजस्थान के कई इलाकों में पिछले 24 घंटे में भारी बारिश हुई। एक अधिकारी ने कहा कि चक्रवात के कारण राजस्थान में गहरा दबाव क्षेत्र बन गया है
अरब सागर में उठे चक्रवाती तूफान बिपारजॉय के असर से राजस्थान के कई इलाकों में शनिवार को भी भारी बारिश हुई। इसके चलते बाड़मेर के कई हिस्सों से बाढ़ जैसे हालात बने हैं। इसके बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है। साथ ही सेना को अलर्ट मोड पर रखा गया है। इसके अलावा कई सीमावर्ती गांवों में बीएसएफ की टीमें भी तैनात की गई हैं। शनिवार को राजस्थान के माउंट आबू में 210 मिलीमीटर, बाड़मेर के सेवड़ा में 136 मिलीमीटर, माउंट आबू तहसील में 135 मिलीमीटर बारिश हुई। इसके बाद निचले इलाकों में पानी भर गया, जिससे जनजीवन प्रभावित रहा। पिछले 24 घंटों के दौरान इसका सबसे ज्यादा असर जालौर, सिरोही और बाड़मेर के रेगिस्तानी जिलों में देखा गया। वहीं, तेज हवा के चलते बिजली का खंभा उखड़ने से 16 वर्षीय किशोरी की मौत हो गई। मालूम हो कि गुजरात में सबसे पहले टकराया था, जिससे काफी तबाही मची थी।
सिरोही के माउंट आबू में 8.4 इंच बारिश दर्ज की गई। मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर ने भी सिरोही और जालौर में बाढ़ की स्थिति की आशंका जताई है। मौसम विभाग ने बाड़मेर, जालोर, सिरोही और पाली के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। रेलवे ने बाड़मेर से गुजरने वाली 14 ट्रेनों को रद्द कर दिया है। इसी तरह उदयपुर से दिल्ली और मुंबई की दो उड़ानें भी रद्द की गई हैं।
अधिकारियों ने बताया कि बाड़मेर में शनिवार को दोपहर 2 बजे तक पिछले 28 घंटों के दौरान 1390 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जिले में बीते 24 घंटे में शनिवार सुबह 8 बजे तक 696 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि शनिवार को दोपहर 2 बजे तक 8 घंटे में 694 मिमी बारिश दर्ज की गई है। बाड़मेर के जिला कलेक्टर अरुण पुरोहित ने रिपोर्ट की पुष्टि की।
बाड़मेर जिले के सेड़वा, धनाऊ और चोहटन क्षेत्र बारिश और आंधी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। तहसील, एसडीएम आवास और थाना समेत कई सरकारी भवनों में पानी भर गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि कई गांवों में पांच से छह फीट पानी घरों में घुस गया है जबकि निचले इलाकों में यह आठ फीट के आसपास रहा है। ऐसी ही स्थिति चोहटन और धनाऊ में है जहां घरों में पानी घुस गया है।
बता दें कि शनिवार को जालौर के रानीवाड़ा में 110 मिलीमीटर, चूरू के बिदासरा में 76 मिलीमीटर, रेवदर में 68 मिलीमीटर, सांचोर में 59 मिलीमीटर और पिंडवाड़ा में 57 मिलीमीटर बारिश हुई। वहीं, गोगुन्दा और गिरवा में 49-49 मिलीमीटर, जालौर में 47 मिलीमीटर, जालौर के सिंदरी और जसवंतपुरा में 46-46 मिलीमीटर, झाडोल में 40 मिलीमीटर, आबू रोड में 38 मिलीमीटर, कोटडा में 35 मिलीमीटर, सिरोही में 30 मिलीमीटर, कुम्भलगढ़ में 26 मिलीमीटर, नागोर के डीडवाना में 43 मिलीमीटर और उदयपुर में 25.7 मिलीमीटर बारिश हुई। अधिकारियों ने कहा कि राज्य में इस दौरान चक्रवात के प्रभाव से कई अन्य जगहों पर एक मिलीमीटर से 22 मिलीमीटर बारिश हुई।
अधिकारियों ने कहा कि राज्य में इस दौरान चक्रवात के प्रभाव से कई अन्य जगहों पर एक मिलीमीटर से 22 मिलीमीटर बारिश हुई। मौसम विभाग ने शनिवार को भी राज्य के सिरोही, बाड़मेर, जालौर और पाली जिले में अति भारी बारिश की चेतावनी देते हुए 'ऑरेंज' अलर्ट जारी किया है और 30-35 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान जताया है। जैसलमेर, बीकानेर, जोधपुर, चूरू, सीकर, नागौर, झुंझुनू, अजमेर, उदयपुर और राजसमंद जिलों के लिए 'येलो'' अलर्ट जारी किया गया है।
पुरोहित ने कहा कि एसडीआरएफ और क्यूआरटी की टीमों को सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र सेडवा और चोहटन में तैनात किया गया है। जबकि एनडीआरएफ की टीम को कवास क्षेत्र के लिए अलर्ट मोड पर रखा गया है, जहां 2006 में बाढ़ आई थी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सीमावर्ती गांवों में बीएसएफ की टीमों को भी तैनात किया गया है। कुछ जगहों पर रैपिड एक्शन फोर्स की टीमें भी तैनात की गईं।
हालांकि, राज्य के किसी भी हिस्से से पेड़ों के उखड़ने और बिजली के खंभों को नुकसान के अलावा किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है। बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त होने से कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है, जिससे बाड़मेर और जालौर के सैकड़ों गांवों में पूरी तरह से ब्लैकआउट हो गया है।
एक दिन पहले शुक्रवार को बाड़मेर जिला प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लगभग 9,000 लोगों को चक्रवात बिपारजॉय के राजस्थान पहुंचने के बाद सुरक्षित अस्थायी आश्रयों में स्थानांतरित कर दिया था। इससे आसपास के इलाकों में भारी बारिश हुई थी। अस्थायी कच्चे घरों में रहने वाले व्यक्तियों को भी सरकारी स्कूल भवनों सहित सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। कलेक्टर अरुण पुरोहित ने कहा कि शनिवार को रिफाइनरी क्षेत्र के पास पचपदरा में एक हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
जालोर में पिछले 36 घंटों के दौरान 796 मिमी बारिश दर्ज की गई। रानीवाड़ा, चितलवाना और सांचौर क्षेत्र में चक्रवात का सबसे बुरा असर देखा गया है। शनिवार सुबह 12 बजे तक रानीवाड़ा में 166 मिमी बारिश हुई। इसके बाद चितलवाना में 151 और सांचौर में 119 मिमी बारिश हुई। जिला कलेक्टर निशांत जैन ने कहा कि भारी बारिश से जिले में संचार व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। बारिश का पानी सड़कों पर बह रहा है। इसके अलावा कई जगहों पर पेड़ और बिजली के खंभे भी उखड़ गए हैं, जिससे सड़कें जाम हो गई हैं और कई जगहों पर बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।
जैन ने कहा कि एहतियाती कदम उठाते हुए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को पहले ही बुला लिया गया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने एनडीआरएफ की एक टीम जबकि एसडीआरएफ की तीन टीमों को तैनात किया है। जैन ने आगे कहा कि एसडीआरएफ की दो और टीमों को भी बुलाया गया है। चक्रवाती प्रभाव के कारण बाड़मेर, सिरोही, उदयपुर, जालोर, जोधपुर और नागौर में शनिवार सुबह से बारिश हो रही है। हवा 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान इसका सबसे ज्यादा असर जालौर, सिरोही और बाड़मेर में देखा गया। जयपुर में राज्य मौसम विज्ञान विभाग ने सिरोही और जालोर में बाढ़ जैसे हालात की संभावना जताई है।
वहीं, सिरोही जिले में मौसम विभाग ने तेज हवा और भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी। इसके बाद जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर था। हालांकि तेज हवा के कारण कई जगहों पर पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए। सिरोही जिला मुख्यालय सहित आसपास के तहसील क्षेत्रों में देर रात करीब ढाई बजे तेज हवा के झोंकों के साथ बारिश शुरू हुई, जो शनिवार को पूरे दिन रुक-रुक कर होती रही। हालांकि, जिले में पेड़ों के गिरने और बिजली के खंभों को नुकसान के अलावा किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं है।
इस बीच चक्रवाती प्रभाव के कारण पाली जिले से तेज हवाएं चलने की खबर है। जिले के जैतारण क्षेत्र में शनिवार की सुबह तेज हवा के कारण 11 केवी का बिजली का तार टूटकर बछड़े को बांध रही 16 वर्षीय बालिका पर गिर गया। झुलसी बच्ची और बछड़े की मौके पर ही मौत हो गई। जैतारण थाने के सहायक उप निरीक्षक रतनलाल ने बताया कि घटना बंजाकुड़ी गांव के पास सुबह करीब सात बजे हुई। उन्होंने बताया कि तेज हवा के कारण 11 केवी का बिजली का तार गिरने से 16 वर्षीय पूजा की करंट लगने से मौत हो गई।