Rajasthan Election: रविंद्र सिंह भाटी, नरेश मीणा और उपेन यादव की जीत होगी या हार?
राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार तीन चर्चित युवाओं की सभी नजरें है। रविंद्र सिंह भाटी, नरेश मीणा और उपेन यादव। उपेन को छोड़कर दोनों ही प्रत्याशियों ने बागी होकर चुनाव में ताल ठोकी है।
राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार तीन चर्चित युवाओं की सभी नजरें है। रविंद्र सिंह भाटी, नरेश मीणा और उपेन यादव। उपेन यादव को छोड़कर दोनों ही प्रत्याशियों ने बागी होकर चुनाव लड़ा है। चुनाव के समय ऐनवक्त पर भाटी बीजेपी में शामिल हो गए थे। लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। जबकि नरेश मीणा कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे। लेकिन नहीं मिला। टिकट लेने में सिर्फ राजस्थान बेरोजगार महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ही सफल हुए। उपेन यादव जयपुर से सटी शाहपुरा से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे है। कांग्रेस उनके सामने उन्हीं के स्वजातीय मनीष यादव का टिकट दिया है। मनीष यादव इससे पहले भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके है। लेकिन विधानसभा चुनाव 2018 में बहुत कम मतों से निर्दलीय आलोक बेनीवाल से चुनाव हार गए थे।
सियासी जानकारों का कहना है कि बेनीवाल इस बार मनीष यादव के सामने खड़े हैं। कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकते हैं। जबकि उपेन यादव को भीतरघात से नुकसान उठाना पड़ सकता है। बीजेपी ने राव राजेंद्र सिंह का टिकट काटकर मनीष यादव को टिकट दिया है। राव राजेंद्र सिंह शाहपुरा में बीजेपी का स्वीकार्य चेहरा माने जाते हैं। ऐसे में चर्चा है कि उपेन यादव को पार्टी के ही बड़े नेता नुकसान पहुंचा सकते है।
रविंद्र सिंह भाटी पलट सकते हैं बाजी
सियासी जानकारों का कहना है कि शाहपुरा में प्रियंका गांधी ने चुनावी सभा करवाकर मनीष यादव ने बाजी पलट दी है। इसके अलावा गुर्जर वोटरों को साधने के लिए सचिन पायलट ने खुद मोर्चा संभाले रखा। बता दें मनीष यादव को पायलट कैंप का माना जाता है। यहीं वजह है कि लगातार हार के बावजूद भी कांग्रेस से टिकट ले आए है। रविंद्र सिंह भाटी को बीजेपी ने शिव विधानसभा से टिकट नहीं दिया है। भाटी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा है। कांग्रेस और बीजेपी के समीकरण बिगाड़ दिए है। बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा में 83.28 प्रतिशत वोटिंग हुई। पिछले चुनाव में यहां 80.45 प्रतिशत वोट हुई थी।पिछली बार की तुलना में इस बार 2.83 फीसदी ज्यादा मतदान हुआ है। सियासी जानकारों का कहना है कि ज्यादा वोटिंग से भाटी को फायदा हो सकता है।
नरेश मीणा दे रहे है कड़ी चुनौती
छबड़ा जिले से कांग्रेस के बागी छात्र नेता नरेश मीणा ने पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। नरेश मीणा को पायलट कैंप का माना जाता है। लेकिन पायलट की पैरवी के बावजूद भी टिकट नहीं मिला। नरेश मीणा निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस की सीट फंस सकती है। नरेश मीणा के प्रचार के लिए युवाओं ने सोशल मीडिया पर कमान संभाल रखी थी। जमीनी स्तर भी नरेश मीणा मजबूत दिखाई दे रहे हैं। उनके सामने बीजेपी से दिग्गज नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी को टिकट दिया है। मुकाबला कांटे का है। नरेश मीणा और रविंद्र सिंह भाटी छात्र राजनीति से जुड़े है। इनका फायदा मिल सकता है। जबकि उपेन यादव ने रोजगार दिलाने में युवाओं के लिए कड़ी मेहनत की है। उपेन यादव ने सड़क पर संघर्ष किया है। कौन जीतेगा या हारेगा। 3 दिसंबर तक इंतजार करना होगा।