Hindi Newsराजस्थान न्यूज़Rajasthan Election: Why did Congress get a crushing defeat in Rajasthan

Rajasthan Election: कांग्रेस के हाथ से क्यों फिसला राजस्थान? ये 5 गलतियां पड़ी भारी

राजस्थान कांग्रेस के हाथ से फिसल गया है। कांग्रेस को गलतियां भारी पड़ी है। राजस्थान चुनाव परिणाम से एक बाद साफ है कि यहां के लोग हर पांच साल बाद सत्ता बदलना पंसद करते हैं। रिवाज नहीं बदला है।

Prem Narayan Meena लाइव हिंदुस्तान, जयपुरSun, 3 Dec 2023 01:45 PM
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राजस्थान कांग्रेस के हाथ से फिसल गया है। कांग्रेस को गलतियां भारी पड़ी है। राजस्थान चुनाव परिणाम से एक बाद साफ है कि यहां के लोग हर पांच साल बाद सत्ता बदलना पंसद करते हैं। परिणामों से साफ जाहिर है कि राजस्थान में रिवाज नहीं बदला है। राज बदल गया है। 1993 के बाद से राजस्थान में किसी एक दल की सरकार फिर से रिपीट नहीं हो पाई है। इस बार सीएम गहलोत ने दावा कर रहे थे कि सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं के सहारे कांग्रेस की सरकार रिपीट होगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। राजनीतिक विश्लेषक कांग्रेस की हार के अलग-अलग कारण बता रहे है। 

गुटबाजी पर लगाम नहीं लगाना

सियासी जानकारों का कहना है कि राजस्थान में सचिन पायलट और गहलोत की गुटबाजी से कांग्रेस को नुकसान हुआ है। कांग्रेस आलाकमान गुटबाजी रोको नहीं पाया है।  सियासी जानाकरों का कहना है कि सचिन पायलट गहलोत सरकार पर हमलावर रहे। बीजेपी के बैठे बिठाए ही मुद्दा थमाते रहे। इससे पार्टी को नुकसान हुआ है। कांग्रेस पायलट समर्थक उन नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करती नहीं दिखी, जो आए दिन सरकार के खिलाफ बयान देते रहे। पार्टी ने सचिन पायलट समर्थकों का टिकट नहीं काटा, लेकिन उनसे दूरी न बना कर इस मुद्दे पर बीजेपी को आक्रामक होने का मौका दे दिया। 

बीजेपी ने राष्ट्रीय मुद्दों को तरजीह दी 

कांग्रेस बीजेपी के सधे चुनावी अभियान का स्थानीय स्तर पर मुकाबला करने में नाकाम रही। कांग्रेस स्थानीय मुद्दों पर हावी रही। बीजेपी इसके मुकाबले राष्ट्रीय और सांप्रदायिक मुद्दे उछालती रही। कन्हैया लाल के बहाने सनातन धर्म पर कांग्रेस को घेरा। चुनाव के अंतिम समय में पीएम मोदी ने कन्हैया लाल हत्याकांड का मुद्दा जोरशोर से उछाला। इससे पार्टी को नुकसान हुआ है। सीएम गहलोत की यह बात वोटरों के गले नहीं उतर पाई की आरोपी बीजेपी के एजेंट थे। सियासी जानकारों का कहना है कि चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में पीएम मोदी ने बीजेपी के पक्ष में हवा बना दी। 

अपनों को ही नहीं साध पाई कांग्रेस

राजस्थान में एससी, एसटी और अल्पसंख्यक वोटर कांग्रेस का वोट बैंक माना जाता है। लेकिन इस बार एसी-एसटी वोट बैंक में बीजेपी ने सेंध लगा दी है। सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस अपने वोट बैंक को नहीं साध पाई है। जबकि बीजेपी का वोट बैंक सेफ रहा, यानी कांग्रेस ब्राह्मण और राजपूत वोट बैंक में सेंध नहीं लगा पाई है। कांग्रेस को एससी-एसटी से बड़ी उम्मीदें थी, लेकिन ये वोट बैंक भी कांग्रेस के हाथ से इस तरह फिसला कि  कुछ समझ ही नहीं पाई। सियासी जानकारों का कहना है कि बीजेपी का धुव्रीकरण कांग्रेस रोक नहीं पाई है। 

अपनों को ही नहीं साध पाई कांग्रेस

राजस्थान में एससी, एसटी और अल्पसंख्यक वोटर कांग्रेस का वोट बैंक माना जाता है। लेकिन इस बार एसी-एसटी वोट बैंक में बीजेपी ने सेंध लगा दी है। सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस अपने वोट बैंक को नहीं साध पाई है। जबकि बीजेपी का वोट बैंक सेफ रहा, यानी कांग्रेस ब्राह्मण और राजपूत वोट बैंक में सेंध नहीं लगा पाई है। कांग्रेस को एससी-एसटी से बड़ी उम्मीदें थी, लेकिन ये वोट बैंक भी कांग्रेस के हाथ से इस तरह फिसला कि  कुछ समझ ही नहीं पाई। सियासी जानकारों का कहना है कि बीजेपी का धुव्रीकरण कांग्रेस रोक नहीं पाई है। 

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