राजस्थान में कांग्रेस की हार के लिए जिम्मेदार कौन? अशोक गहलोत या सचिन पायलट
राजस्थान में बीजेपी को बहुमत मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। अभी तक के रूझानों के अनुसार बीजेपी सरकार बना सकती है। बड़ा सवाल यह है कि कांग्रेस की हार के जिम्मेदार कौन है। गहलोत या पायलट।
राजस्थान में बीजेपी का बहुमत मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। अभी तक के रूझानों के अनुसार बीजेपी 101 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। कांग्रेस काफी पीछे रह गई है। हालांकि, अभी फाइनल रिजल्ट नहीं है। बड़ा सवाल यह है कि कांग्रेस की हार के लिए जिम्मेदार कौन है। अशोक गहलोत या सचिन पायलट। सियासी जानकारों का कहना है कि दोनों नेताओं की आपसी लड़ाई से पार्टी को नुकसान पहुंचा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस को गुटबाजी भारी पड़ी है। सचिन पायलट लगातार अपनी ही सरकार को घेरते रहे हैं। पेपर लीक का मामला हो या फिर कानून व्यवस्था से जुड़ा मुद्दा। पायलट के निशाने पर सीएम अशोक गहलोत रहे हैं। ऐसे में बीजेपी को दोनों नेताओं की गुटबाजी का पूरा फायदा मिला है। बीजेपी सरकार बनाने की स्थिति में आ गई है। कांग्रेस को गुटबाजी को नहीं रोकने की गलती भारी पड़ी है।
पूरे पांच साल तक पायलट रहे हमलावर
सियासी जानकारों का कहना है कांग्रेस को शिकस्त देकर राजस्थान चुनाव में बीजेपी ने करारी शिकस्त देकर पूर्ण बहुमत की ओर बढ़ रही है। इस बार चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस आलाकमान ने गहलोत और सचिन पायलट के बीच सुलह करा दी। लेकिन अंदर खटास बरकरार रही। पूरे पांच साल तक सचिन पायलट गहलोत सरकार के खिलाफ हमलावर रहे हैं। ऐन वक्त पर दोनों नेताओं के बीच हुई सुलह को राज्य की जनता ने स्वीकार नहीं किया है। ऐसे में सियासी जानकार हार के लिए कांग्रेस की गुटबाजी को बड़ी वजह बता रहे हैं। वर्ष 2020 में सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी थी। एक महीने तक गुड़गांव के मानेसर रहे। लेकिन सुलह होने के बाद भी सचिन पायलट औऱ उसके समर्थक शांत नहीं रहे। गाहे-बगाहें गहलोत सरकार को निशाने पर लेते रहे।
पेपर लीक और कानून व्यवस्था
सियासी जानकारों का कहना है कि गहलोत की 7 गारंटियों पर मोदी की गारंटिया भांरी प़ड़ गई है। सीएम गहलोत ने सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं की भरमार से जनता लुभाने का प्रयास किया। लेकिर आए दिन हुए पेपर लीक और दुष्कर्म की घटनाओं की वजह से सीएम गहलोत के अच्छे कार्य भी दब गए है। इस बार करीब 20 लाख युवा वोटरों ने पहली बार वोट दिया। रूझानों से संकेत मिलता है कि युवाओं ने बीजेपी को वोट दिया है। पेपर लीक की घटनाओं से युवा नाराज दिखाई दिए। हालांकि, सीएम गहलोत कहते रहे हैं कि हमने पेपर लीक के लिए कानून बना दिया है। लेकिन यह बात युवाओं के गले नहीं उतरी है।