Rajasthan Election Counting: 199 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 36 केंद्रों पर होगी मतगणना
राजस्थान में 25 नवम्बर को हुए विधानसभा चुनाव के मतदान के बाद अब 3 दिसंबर को मतगणना होगी। 199 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के 36 मतगणना केंद्र बनाए गए है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए है।
राजस्थान में 25 नवम्बर को हुए विधानसभा चुनाव के मतदान के बाद अब 3 दिसंबर को मतगणना होगी। 199 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के 36 मतगणना केंद्र बनाए गए है, जयपुर, जोधपुर, नागौर में मतगणना के लिए 2-2 केन्द्र बाकी सभी जिलों में एक-एक मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भारत निर्वाचन आयोग की ओर से मतगणना दलों के लिए सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों, उपजिला निर्वाचन अधिकारियों, रिटर्निंग अधिकारियों, अतिरिक्त रिटर्निंग अधिकारियों एवं आईटी स्टाफ को बुधवार को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा. गुप्ता ने बताया कि दोपहर 12 से 1 बजे तक ईटीपीबीएमस मतगणना, दोपहर 1 से 2.30 बजे तक पोस्टल बैलेट काउंटिंग एवं 3 बजे से शाम 5 बजे तक इवीएम मतगणना को लेकर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
त्रि-स्तरीय सुरक्षा
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मंगलवार को जयपुर के खेतान पोलेटेक्लनिकल कॉलेज में अंतर्जिला पोस्टल बैलेट केन्द्र का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने डाक मतपत्रों की गणना के लिए की जा रही तैयारियों को देखा और आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। प्रवीण गुप्ता ने बताया कि 3 दिसंबर को सुबह 8 बजे से सभी केंद्रों पर पोस्टल बैलेट और 8.30 बजे से ईवीएम के माध्यम से मतगणना आरंभ हो जाएगी। जयपुर, जोधपुर एवं नागौर में दो-दो केंद्रों पर और शेष 30 निर्वाचन जिलों में एक-एक केंद्र पर वोटों की गिनती की जाएगी. इस तरह 199 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 36 केंद्रों पर मतगणना की जाएगी। गुप्ता ने कहा कि मतगणना स्थल और उसके आस-पास के क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात किए गए हैं। मतगणना स्थल पर प्रवेश के लिए त्रि-स्तरीय सुरक्षा की व्यवस्था की गई है, ताकि मतगणना स्थल पर किसी तरह का कोई व्यवधान नहीं आए। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि आयोग के निर्देशों की पालना करते हुए परिणाम बिना किसी त्रुटि और देरी के समय रहते घोषित किए जाएं।
'मैंडेटरी वैरीफिकेशन' पद्धति होगी लागू
मतगणना में पूर्ण निष्पक्षता बनी रहे इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग की ओर से अपनाई जा चुकी 'मैंडेटरी वैरीफिकेशन' पद्धति को भी लागू किया जाएगा। इसमें संपूर्ण मतगणना के बाद प्रत्येक विधानसभा के मतदान केंद्रों से लॉटरी से 5-5 वीवीपैट का चयन कर उसकी पर्चियों की गणना कर, ईवीएम से प्राप्त मतों से मिलान किया जाएगा। रिटर्निंग ऑफिसर-पर्यवेक्षकों की निगरानी और उम्मीदवार या उनके एजेंटों के समक्ष वीवीपैट मशीन से निकली पर्चियों की मतगणना और मिलान होगा।