फोन टैपिंग मामले में अशोक गहलोत की बढ़ सकती है मुश्किलें, सरकार ने केस वापस लिया
राजस्थान में भजनलाल सरकार ने केंद्र सरकार के खिलाफ मुकदमा वापस ले लिया है। राज्य सरकार के इस निर्णय से पूर्व सीएम अशोक गहलोत की मुश्किलें बढ़ सकती है। जबकि केंद्रीय मंत्री शेखावत को राहत मिली है।
राजस्थान में भजनलाल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार के खिलाफ मुकदमा वापस ले लिया है। गजेंद्र सिंह शेखावत फोन टैपिंग मामले में मुकदमा वापस लिया है।सुप्रीम कोर्ट में मामले की जांच को लेकर दायर याचिका राजस्थान सरकार ने वापस ली। अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने आवेदन दायर किया। उन्होंने कहा कि इस मुकदमे में कोई मेरिट नहीं है। इसे वापस लिया जाना चाहिए है। उल्लेखनीय है कि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के द्वारा प्रकरण में सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। जहां मामले की जांच दिल्ली पुलिस की जगह राजस्थान पुलिस से करवाने को लेकर याचिका दायर की गई थी।
उल्लेखनीय है कि साल 2020 में जुलाई-अगस्त महीने में अशोक गहलोत की सरकार अस्थिर हो गई थी, जिसमें तत्कालीन डिप्टी सीएम सचिन पायलट गुट के बीच कलह सामने आई थी। सचिन पायलट अपने खेमे के 19 विधायकों के साथ मानेसर में कैंप कर रहे थे। इस दौरान कुछ ओडियो वायरल हुआ था। यह खरीद फरोख्त जैसे बातों से जुड़ा था। इसमें गजेंद्र सिंह चौहान का नाम भी शामिल हुआ था। जिसके बाद उन्होंने अशोक गहलोत के खिलाफ केस दर्ज करवाया था।
राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने अब एक आवेदन दायर कर कहा है कि इस मुकदमे में अब कोई दम नहीं है। इसे वापस लेने की सिफारिश की है। उन्होंने ये भी कहा है कि दलीलों, अभिलेखों और मामले के समग्र तथ्यों सहित, परिस्थितियों की जांच करने के बाद, मुकदमा कायम नहीं रह पाता और इसे आगे बढ़ाने से कोई प्रभावी उद्देश्य पूरा नहीं होगा। इसलिए न्याय के हित में और माननीय न्यायालय का बहुमूल्य समय बचाने के लिए राज्य सरकार ने मुकदमा वापस लेने का निर्णय लिया है।
फोन टैपिंग के मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत ने अशोक गहलोत पर केस दर्ज कराया था। वहीं फोन टैपिंग के मामले में अब भी फैसला आना बाकी है। इस मामले में सितंबर में सुनवाई हो सकती है। वहीं केंद्र की एजेंसी को जांच से रोकने के लिए किया गया मुकदमा वर्तमान सरकार ने वापस ले लिया है। ऐसे में इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि केंद्र की एजेंसी अब राजस्थान में आकर फोन टैपिंग मामले में और भी जांच कर सकती है।
इस मामले में मुख्य रूप से अशोक गहलोत और लोकेश शर्मा आरोपी हैं। ऐसे में अशोक गहलोत की मुश्किलें बढ़ सकती है। इस जांच को रोकने के लिए अशोक गहलोत की सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिस पर आज तक सुनवाई नहीं हो सकी। अब इस मामले में वर्तमान की राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। चूकि सुप्रीम कोर्ट में याचिका राज्य सरकार की ओर से दी गई थी। इस वजह से वर्तमान की भजनलाल सरकार ने इस याचिका को वापस ले लिया है।