Hindi Newsराजस्थान न्यूज़Not all Muslims avail reservations: Congress Ashok Gehlot on Rajasthan govt plan to review Muslims in OBC list

'सभी मुसलमान आरक्षण...' : राजस्थान में OBC सूची में मुस्लिमों की समीक्षा पर क्या बोले अशोक गहलोत

राजस्थान में भजन लाल शर्मा की अगुवाई वाली भाजपा सरकार द्वारा ओबीसी सूची में शामिल 14 मुस्लिम समूहों की समीक्षा करने की घोषणा के बाद अब इस पर सियासत भी शुरू हो गई है। 

Praveen Sharma जयपुर। एएनआई, Mon, 27 May 2024 02:03 PM
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राजस्थान में भजनलाल शर्मा की अगुवाई वाली भाजपा सरकार द्वारा ओबीसी सूची में शामिल 14 मुस्लिम समूहों की समीक्षा करने की घोषणा के बाद अब इस पर सियासत शुरू हो गई है। राज्य के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि सभी मुसलमान आरक्षण का लाभ नहीं लेते हैं, लेकिन जो पिछड़े हैं वे ऐसा करते हैं।

गहलोत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, "सरकार चाहे कुछ भी कहे, कुछ नहीं होगा। हमने ओबीसी आयोग की सिफारिशों पर आरक्षण दिया है। सभी मुस्लिम आरक्षण का लाभ नहीं लेते हैं, लेकिन जो पिछड़े हैं उन्हें आरक्षण मिलता है। जो लोग ओबीसी में आते थे, उन्हें ही आरक्षण मिला है।"

राजस्थान के सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत ने शनिवार को कहा था कि कांग्रेस ने ओबीसी श्रेणी के तहत 14 मुस्लिम जातियों को आरक्षण दिया और राज्य सरकार जल्द ही इसकी समीक्षा करेगी।

राजस्थान में किसे कितना आरक्षण

कुल मिलाकर राजस्थान में 64 फीसदी आरक्षण दिया गया है। 21 फीसदी ओबीसी के लिए, 16 फीसदी एससी के लिए, 12 फीसदी एसटी के लिए, 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस के लिए और 5 फीसदी अति पिछड़ा वर्ग के लिए है।

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी इस मुद्दे पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनकी सरकार राज्य में पिछली सरकारों में मुस्लिम समुदायों को दिए गए अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण की जांच करेगी।

केशव प्रसाद मौर्य ने बताया, “कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, टीएमसी और भारत की अन्य पार्टियां हमेशा ओबीसी के अधिकारों की बात करती हैं, लेकिन वे हमेशा उन्हें धोखा देती हैं।  2010-2024 तक बंगाल में घुसपैठियों और मुसलमानों को ओबीसी सर्टिफिकेट दिए गए, जो ओबीसी समुदाय के लिए सीने में चाकू की तरह था। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाना चाहिए। दूसरे राज्यों में भी इसी तरह की जांच होनी चाहिए। उत्तर प्रदेश में हम इसे लेकर विस्तृत समीक्षा भी करेंगे। हम किसी को भी ओबीसी आरक्षण छीनने की इजाजत नहीं देंगे।''

कलकत्ता में 5 लाख ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने की तैयारी

कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द कर दिए थे। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग को 1993 के कानून के मुताबिक ओबीसी की नई सूची तैयार करने का निर्देश दिया है। 2010 से पहले वाले ओबीसी सूची में बने रहेंगे। हालांकि 2010 के बाद के सभी ओबीसी नामांकन रद्द कर दिए गए। आदेश के आलोक में अनुमानित 5 लाख ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द किए जाने की तैयारी है। 2010 के बाद जिन लोगों के पास ओबीसी कोटे के तहत नौकरियां हैं या मिलने की प्रक्रिया में हैं, उन्हें कोटे से बाहर नहीं किया जा सकता। हालांकि, उनकी नौकरी पर कोई असर नहीं पड़ेगा और उन्हें कोटा से बाहर नहीं किया जा सकेगा।

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