'गर्दन कटी है, हाथ लाल हो गए थे', कोटा में छात्र की मौत हत्या या आत्महत्या; परिजन बोले- SIT करे जांच
राजस्थान के कोटा में मृतक छात्र सुमित पांचाल के चाचा सुरेंद्र ने बताया सुमित की बॉडी को देखकर नहीं लगता है कि उसने सुसाइड किया है। इसके हाथ, बाजू तक लाल हैं। रस्सी ने 1 इंच गर्दन काट रखी है।
शिक्षा की काशी कोटा में रविवार की देर शाम एक छात्र द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या करने के मामले में अब नया मोड आ गया है। सोमवार को मृतक छात्र के परिजन कोटा पहुंचे और शव की स्थिति देखकर हत्या की आशंका जताई है। छात्र सुमित पांचाल हरियाणा के रोहतक का निवासी था जो कि एक साल से कोटा में रहकर नीट की तैयारी कर रहा था। जब उसने परिजनों का फोन नहीं उठाया तब परिजनों को अनहोनी की आशंका हुई थी। इसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी हॉस्टल वार्डन को दी। इसके बाद छात्र के कमरे का गेट तोड़ा गया तो स्टूडेंट फंदे पर लटकता मिला। नीट की परीक्षा 5 मई को होने वाली है। कहा जा रहा है कि छात्र पढ़ाई को लेकर दबाव में भी था।
SIT से जांच की मांग
मृतक छात्र के परिजनों का कहना है कि घटना वाले दिन सुबह और दिन में स्टाफ से बात हुई थी, उन्होंने छात्र की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि वो ठीक है। लेकिन शाम होते ही सुमित की मौत की खबर मिली। ऐसे में परिजनों को शक है कि उसकी हत्या की गई है। इसलिए उन्होंने कहा है कि मामले की जांच SIT से करवाई जाए ताकि पूरी स्थिति साफ हो सके। चाचा सुरेंद्र ने बताया सुमित की बॉडी को देखकर नहीं लगता है कि उसने सुसाइड किया है। इसके हाथ, बाजू तक लाल हैं। रस्सी ने 1 इंच गर्दन काट रखी है।
हॉस्टल में नहीं था एंटी हैगिंग डिवाइस
आपको बता दें कि कोचिंग में पढ़ने वाले छात्रों की जिंदगी को बचाने के लिए प्रशासन द्वारा शहर के सभी हॉस्टल और पीजी प्रबंधकों को छात्रों के कमरे में एंटी हैंगिंग डिवाइस लगाने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन उसके बाद भी कई हॉस्टलों की लापरवाही साफ तौर पर देखने को मिल रही है। छात्र सुमित जिस हॉस्टल के कमरे में रह रहा था वहां पर भी एंटी हैंगिंग डिवाइस नहीं लगी हुई थी। वहीं परिजनों का कहना है कि सुमित सोमवार को कोटा से वापस रोहतक आने वाला था लेकिन उसके पहले ही ये घटना हो गई।
इस साल कितने छात्रों ने किया सुसाइड
शिक्षा नगरी कोटा में विगत कुछ सालों से छात्रों के आत्महत्या के मामलों में लगातार इजाफा हुआ है। प्रशासन और सरकार द्वारा बनाई गई गाइडलाइंस भी इन छात्रों को मानसिक तनाव से नहीं उबार पा रही हैं। इस साल जनवरी से अब तक 9 छात्रों ने आत्महत्या की है। इनमें अधिकतर छात्रों के सुसाइड के पीछे मानसिक तनाव सामने आया है।
रिपोर्ट : योगेन्द्र महावर
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