लाल डायरी का जिक्र चर्चा में आए गहलोत के बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा चुनाव हारे
राजस्थान में लाल डायरी के मुद्दे पर गहलोत सरकार के खिलाफ बीजेपी को मुद्दा थमाने वाले राजेंद्र गुढ़ा चुनाव हार गए है। उन्हें बीजेपी के शुभकरण चौधरी ने चुनाव हराया है। कांग्रेस छोड़ दी थी।
राजस्थान में लाल डायरी के मुद्दे पर गहलोत सरकार के खिलाफ बीजेपी को मुद्दा थमाने वाले राजेंद्र गुढ़ा चुनाव हार गए है। उन्हें बीजेपी के शुभकरण चौधरी ने चुनाव हराया है। गहलोत सरकार के बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने इस बार बार शिवसेना शिंदे गुट के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ा था। लेकिन जीत नसीब नहीं हुई है। इसी प्रकार खंडेला से कांग्रेस के दिग्गज नेता महा्देव सिंह खंडेला को बीजेपी केसुभाष मील ने हरा दिया है। मील को सचिन पायलट का समर्थक माना जाता है। मंडावा से कांग्रेस की रीटा चौधरी और खेतड़ी से बीजेपी के धर्मपाल गुर्जर चुनाव जीते है।
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ चुनाव हारे
राजस्थान में भले ही बीजेपी सरकार बनाने जा रही हो लेकिन विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ चुनाव हार गए है। चूरू जिले की तारानगर से कांग्रेस के दिग्गज नेता नरेंद्र बुढ़ानिया ने राजेंद्र सिंह राठौड़ को चुनाव हराया है। कांग्रेस ने इस बार शेखावाटी में शानदार प्रदर्शन किया है। 21 में 12 सीटें कांग्रेस ने जीती है जबकि बीजेपी 8 सीटें ही जीत पाई है।
राठौड़ की हार पर डोटासरा का दावा सही
राजेंद्र राठौड़ की हार पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ का दावा सही निकला। बता दें राजेंद्र राठौड़ इस बार अपनी परंपरागत सीट चूरू से नहीं लड़कर तारानगर से चुनाव लड़े है। लेकिन तारानगर के वोटरों को राजेंद्र सिंह राठौड़ लुभा नहीं पाए है। राजेंद्र राठौड़ को करारी हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस के दिग्गज किसान नेता नरेंद्र बुढ़ानिया ने राठौड़ को हरा दिया है। इससे पहले उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया भी आमेर से चुनाव हार गए थे।
कांग्रेस का किला नहीं ढहा पाई बीजेपी
राजस्थान का शेखावाटी इलाका कांग्रेस का परंपरागत गढ़ माना जाता है। इस बार कांग्रेस के गढ़ में बीजेपी सेंध लगाने में सफल नहीं हुई है। सीकर से राजेंद्र पारीक ने बीजेपी के रतन जलधारी को हरा दिया है। इसी प्रकार सीकर जिले की दांतारामगढ़ से का कांग्रेस के वीरेंद्र चौधरी फिर चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। इस बार उनके खिलाफ जेजेपी के उनकी पत्नी भी चुनाव लड़ रही थी। लेकिन जीक वीरेंद्र सिंह को ही मिली है।