Hindi Newsराजस्थान न्यूज़Lok Sabha results: Why could Sachin Pilot not show his strength in Chhattisgarh Is this the reason

सचिन पायलट छत्तीसगढ़ में क्यों नहीं दिखा पाए अपना दमखम? कहीं ये वजह तो नहीं 

सचिन पायलट के प्रभार वाले राज्य छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। विभिन्न गुटों में बंटे नेताओं को पायलट एकजुट करने में विफल रहे है। गुटबाजी दूर नहीं कर पाए।

Prem Narayan Meena लाइव हिंदुस्तान, जयपुरSat, 8 June 2024 04:33 AM
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छत्तीसगढ़ में भाजपा ने 10 तो कांग्रेस ने 1 सीट पर जीत दर्ज की है। 2019 में कांग्रेस ने 2 सीट जीती थी, लेकिन इस बार उसके हाथ से बस्तर फिसल गया। यहां से विधायक कवासी लखमा हार गए हैं। वहीं राजनांदगांव से भी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 44 हजार से ज्यादा मतों से हार गए है। कांग्रेस ने इस बार छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद प्रभारी महासचिव कुमारी शैलजा को हटाकर सचिन पालयट को कमान सौंपी थी, लेकिन सचिन पायलट भी अपना दम नहीं दिखा पाए है। हालांकि, पायलट कांग्रेस के स्टार प्रचारक थे। देशभर में प्रचार किया। यूपी, हरियाणा और पंजाब में उनकी सभाओं में खूब भीड़ उमड़ी। लेकिन छ्त्तीसगढ़ में बीजेपी को मात नहीं पाए।  

गुटबाजी दूर नहीं कर पाए पायलट

सियासी जानकार छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की कई वजह मान रहे है। जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के समय से ही छत्तीसगढ़ कांग्रेस में सिर फुटौवल और भितरघात की वजह से पार्टी को नुकसान हुआ है। विभिन्न गुटों में बंटे नेताओं को पायलट एकजुट करने में विफल रहे है। यहीं वजह है कि चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि  कांग्रेस खेमे में आपसी खींचतान, भितरघात, मनमुटाव, मनभेद और मतभेद चुनाव में हार की वजह रहे। पार्टी पूरी एकजुटता के साथ चुनाव  नहीं लड़ पाई। भूपेश बघेल के राजनांदगाव में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान एक कांग्रेस नेताने  उन्हें खुले मंच पर खरी-खोटी सुनाई थी। उन्होंने कहा कि की जब आप पांच साल तक प्रदेश के सीएम रहे तो आप से मिलने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता था। आप से मिलने के लिए तरस गये। अब जब आप सत्ता से बाहर हो गये हैं तो आप से मिलना हुआ है। इसके बाद पार्टी ने दास पर कार्रवाई करते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया था। वहीं पार्टी ने अन्य दो नेताओं ने भी सांसद राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखे। 

2019 में कांग्रेस ने 2 सीटें जीती थी

2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस ने 2 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार पार्टी के हाथ से बस्तर सीट भी फिसल गई. इस सीट से विधायक और पूर्व मंत्री कवासी लखमा हार गए, तो वहीं राजनांदगांव सीट से 44 हजार से ज्यादा वोटों से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हारे हैं। सिर्फ कोरबा ही ऐसी सीट रही तो कांग्रेस के खाते में आई। यहां ज्योत्सना महंत ने बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडेय को 43 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है। बीजेपी को रायपुर सीट से सबसे बड़ी जीत हासिल हुई है। यहां मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस प्रत्याशी विकास उपाध्याय को 5 लाख से ज्यादा वोटों से हराया। सबसे कम मार्जिन से कांकेर सीट से बीजेपी के भोजराज नाग जीते हैं। उन्होंने कांग्रेस के बीरेश ठाकुर को 1884 वोटों से हराया। इस बार हर सीट पर बीजेपी का वोट शेयर करीब 1 फीसदी बढ़ा है।
 

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