राजस्थान की दौसा औऱ भरतपुर सीट से क्यों हारी बीजेपी? पढ़ें इनसाइड स्टोरी
राजस्थान में इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हार का सामना पड़ा है। दौसा औऱ भरतपुर से बीजेपी की करारी हार हुई है। दौसा दिग्गज नेता किरोड़ी लाल मीणा और भरतपुर सीएम भजनलाल शर्मा का गृह जिला है।
राजस्थान में इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हार का सामना पड़ा है। दौसा औऱ भरतपुर से बीजेपी की करारी हार हुई है। दौसा दिग्गज बीजेपी नेता किरोड़ी लाल मीणा और भरतपुर सीएम भजनलाल शर्मा का गृह जिला है। जबकि विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी इन जिलों में बंपर जीत मिली थी। भरतपुर से मात्र एक सीट कांग्रेस के सहयोदी दल को मिली थी। जबकि दौसा में कांग्रेस की करारी हार हुई। ऐसा क्या हुआ कि विधानसभा चुनाव हुए एक साल का समय भी नहीं हुआ कि बीजेपी के गढ़ ध्वस्त हो गए है। सियासी जानकार बीजेपी की हार के अलग-अलग वजह मान रहे है। समन्वय की कमी और गुटबाजी बड़ी वजह मानी जा रही है। आरएसएस के स्वंयसेवकों ने प्रचार से दूरी बनाए रखीं। बीजेपी को कोर वोटर राजपूत इस बार छिटक गया है। सियासी जानकारों का कहना है कि आनन-फानन में ईआरसीपी के लिए मध्यप्रदेश के साथ जो समझौता किया, उसे जनता ने अस्वीकार कर दिया है। सियासी जानकारों का कहना है कि दौसा किरोड़ी लाल का गढ़ है। लेकिन वह भी इस बार ढह गया है। हालांकि, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि कई बार ऐसा होता है, जब अपेक्षा के अनुसार परिणाम नहीं आते है। हर बार एक जैसे हालात नहीं होते, कभी-कभी हालातों में बदलाव हो जाते हैं।
25 से सिर्फ 14 पर खिला कमल
उल्लेखनीय है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में राजस्थान में बीजेपी को बड़ा नुकसान हुआ है। मिशन 25 को लेकर चल रही बीजेपी 14 पर ही सिमट कर रह गई, जबकि कांग्रेस गठबंधन के साथ मरुधरा की 11 लोकसभा सीटों जीत दर्ज करने में कामयाब रही। पिछले 2 लोकसभा चुनावो में बीजेपी को सभी 25 सीटों पर मिल रही जीत पर ब्रेक लग गया। भाजपा को जोधपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़, उदयपुर, कोटा - बूंदी, बारां - झालावाड़, अलवर, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, पाली, राजसमंद, अजमेर, जालौर-सिरोही, बीकानेर लोकसभा सीटों पर जीत मिली, जबकि धौलपुर-करौली, दौसा, भरतपुर, टोंक-सवाई माधोपुर, झुंझुनू, चूरू, सीकर, नागौर, डूंगरपुर-बांसवाड़ा, बाड़मेर-जैसलमेर, गंगानगर-हनुमानगढ़ लोकसभा सीट पर कांग्रेस गठबंधन के साथ जीतने में कामयाब रही।
केंद्रीय नेतृत्व ने मांगी रिपोर्ट
सूत्रों की मानें तो राजस्थान में खराब परफॉर्मेंस को लेकर केंद्रीय नेतृत्व भी नाराज है और उन्होंने प्रदेश संगठन से चुनाव परिणाम की समीक्षा के साथ विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। केंद्रीय नेतृत्व में निर्देश के बाद प्रदेश भाजपा संगठन रिपोर्ट तैयार करने में जुटा हुआ है। बड़ा सवाल यह है कि इस हार की जिम्मेदारी कौन लेगा? सीएम भजनलाल की साख अब दांव पर लग गई है। प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह जल्द ही पार्टी पदाधिकारियों के साथ मंथन कर सकते है।
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