कन्हैयालाल हत्याकांड: चश्मदीद राजकुमार शर्मा की हालत में सुधार, 6 घंटे तक चला ऑपरेशन
राजस्थान के उदयपुर में 28 जून को हुए बहुचर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में चश्मदीद गवाह राजकुमार शर्मा का दोबारा ऑपरेशन किया गया है। करीब 6 घंटे चले ऑपरेशन के बाद हालत में सुधार हो रहा है।
राजस्थान के उदयपुर में 28 जून को हुए बहुचर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में चश्मदीद गवाह राजकुमार शर्मा का दोबारा ऑपरेशन किया गया है। करीब 6 घंटे चले ऑपरेशन के बाद अब राजकुमार की हालत में लगातार सुधार हो रहा है। इससे पहले भी 3 अक्टूबर को उनके जन्मदिन पर ब्रेन हेमरेज होने पर जयपुर से उदयपुर पहुंची डॉक्टरों की स्पेशल टीम ने ऑपरेशन किया था। इस बार भी शादी की सालगिरह पर राजकुमार का ऑपरेशन हुआ। संयोग से पिछली बार भी ऑपरेशन उनके जन्मदिन पर हुआ था। बता दें,10 फरवरी को राजकुमार शर्मा को एमबी अस्पताल की सुपर स्पेशलिटी विंग में भर्ती करवाया गया 2 दिनों तक अलग-अलग जांचों के बाद मंगलवार को शर्मा का ऑपरेशन हुआ। उन्हें सुबह करीब 9:15 ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया। दोपहर 2 बजे ऑपरेशन के बाद बाहर लाया गया। न्यूरोसर्जन डॉक्टर गौरव जयसवाल के नेतृत्व में डॉक्टर की टीम ने ऑपरेशन किया। शर्मा के शरीर के दो हिस्सों में स्ट्रोक आया था और उस वजह से ब्लड प्रेशर हाई होने पर ब्रेन में सूजन बढ़ गई थी।
राजकुमार कन्हैया लाल की दुकान पर सिलाई का काम करता था
राजकुमार शर्मा का ब्रेन हेमरेज का दूसरा ऑपरेशन करीब 1 महीने पहले होना था लेकिन सर्दी के ज्यादा होने की वजह से डॉक्टर्स ने तारीख आगे बढ़ा दी थी। 10 तारीख को भर्ती होने के बाद उनकी कई प्रकार की अलग-अलग जांच की गई और उसके बाद 14 फरवरी को उनका ऑपरेशन किया गया। बता दें कि 28 जून को उदयपुर में मालदास स्ट्रीट में हुए कन्हैया लाल साहू हत्याकांड मामले में हत्या के वक्त राजकुमार शर्मा भी मौजूद था। राजकुमार कन्हैया लाल की दुकान पर सिलाई का काम करता था।
डिप्रेशन के चलते हुए उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ था
पिछले वर्ष 3 अक्टूबर को डिप्रेशन के चलते हुए उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ था। इस पर सीएम अशोक गहलोत के विशेष निर्देश पर जयपुर से उदयपुर पहुंचे न्यूरो सर्जन डॉ मनीष अग्रवाल और डॉ राशिम कटारिया के नेतृत्व में 4 घंटे ऑपरेशन तक ऑपरेशन चला था। उस वक्त मुख्यमंत्री गहलोत ने केस की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर्स को साढ़े 4 घंटे में जयपुर से उदयपुर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर भेजा था। पिछली बार बड़े ऑपरेशन के बाद उन्हें होश में आने में 2 दिनों का वक्त लगा था।