कन्हैयालाल हत्याकांड: आरोपियो को कोर्ट में किया पेश, 10 जनवरी तक बढ़ाई न्यायिक हिरासत
राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयाला मर्डर केस में जांच एजेंसी एनआईए 10 जनवरी को प्रसंज्ञान पर आदेश सुनाएगी। एनआईए ने आज आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। न्यायिक अवधि 10 जनवरी तक के लिए बढ़ा दी।
Kanhaiyalal Murder Case: राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयाला मर्डर केस में जांच एजेंसी एनआईए 10 जनवरी को प्रसंज्ञान पर आदेश सुनाएगी। प्रशासन ने रियाज जब्बार,मोहम्मद गौस, रियाज अत्तारी फरहाद शेख, आसिफ, मोहम्मद मोहसिन, वसीम अली, जावेद और मुस्लिम खान को आज कोर्ट में पेश किया। इसके बाद एनआईए जज रविंद्र कुमार ने 10 जनवरी तक न्यायिक हिरासत अवधि बढ़ाई। इब 10 जनवरी को प्रसंज्ञान के आदेश के बाद आरोपियों को दी जाएगी चालान की प्रतिलिपी। बत दें, दो पाकिस्तानियों को वांछित बताते हुए 22 दिसंबर को एनआईए ने चालान पेश किया था। बता दें, रियाज जब्बार और मोहम्मद गौस ने 28 जून को हत्याकांड को अंजाम दिया था। कराची स्थित दावते इस्लामिक संगठन से जुड़कर 2014-15 में ट्रेनिंग ली थी। फरहाद शेख की ओर से वकील अखिल चौधरी ने वकालतनामा पेश किया।
NIA ने 22 दिसंबर को पेश की थी चार्जशीट
ॉ22 दिसंबर को हत्याकांड के 177 दिन बाद गुरुवार को NIA ने स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। इस पूरे मामले को आतंकी मॉड्यूल माना गया है। बताया गया है कि देशभर में डर फैलाने के लिए हत्या की गई। इसीलिए वीडियो भी बनाया गया। मुख्य आरोपी रियाज और गौस मोहम्मद समेत 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें दो पाकिस्तानी भी शामिल हैं। जयपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश चार्जशीट में NIA टीम ने 11 लोगों को आरोपी बनाया है। चार्जशीट में साफ लिखा गया है कि- आरोपियों ने एक आतंकी मॉड्यूल के रूप में काम कर बदला लेने की साजिश रची थी। आरोपी कट्टरपंथी थे और भारत समेत दुनिया भर में आने वाले आपत्तिजनक ऑडियो/वीडियो/ मैसेज से प्रेरित थे। दोनों आरोपियों ने पूरे देश में खौफनाक तरीके से अंजाम देने के लिए चाकूओं और हथियारों की व्यवस्था की थी।
आरोपियों ने कट्टरपंथी ग्रुप बनाया था
बता दें कि कन्हैयालाल की हत्या को अंजाम देने के लिए इन लोगों ने पहले इंटरनेट मीडिया पर कट्टरपंथियों का ग्रुप बनाया और मोहम्मद रियाज तथा गौस मोहम्मद ने हत्याकांड को अंजाम दिया। जबकि अन्य आरोपियों ने उनका साथ दिया। एनआईए ने चार्जशीट में दावा किया किया कि यह साधारण अपराध नहीं, बल्कि सोची-समझी साजिश थी, जिसका उद्देश्य उदयपुर ही नहीं, बल्कि एक लोकतांत्रिक देश के लोगों में भय का माहौल पैदा करना था।