जोधपुर में पुलिस ने ट्रिपल मर्डर के आरोपी को किया अरेस्ट, हत्या की बताई ये वजह
राजस्थान के जोधपुर जिले के बनाड़ थाना क्षेत्र के नांदड़ा खुर्द गांव में बुधवार को हुए ट्रिपल मर्डर केस का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने आरोपी रिश्तेदार को हिरासत में ले लिया है।
राजस्थान के जोधपुर जिले के बनाड़ थाना क्षेत्र के नांदड़ा खुर्द गांव में बुधवार को हुए ट्रिपल मर्डर केस का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। साथ ही पुलिस ने आरोपी रिश्तेदार को हिरासत में ले लिया है। आरोपी दिनेश जाट का पुखराज के घर आना जाना था। डीसीपी आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि दिनेश को ऑनलाइन जुआ खेलने की लत है। जिसके चलते वो पैसा हार गया था। ऐसे में उसे मोटी रकम की जरूरत थी। इसके चलते उसने तय किया कि वो पुखराज के घर में चोरी की वारदात को अंजाम देगा।
पुलिस के मुताबिक आरोपी को आस थी कि उसे पुखराज के घर से मोटी रकम मिलेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि सात साल पहले भी आरोपी ने पुखराज के घर पर चोरी की थी और वहां से बड़ी रकम उड़ाने में कामयाब रहा था। इसी इरादे से पहले उसने चार बीयर पी और फिर उसके बाद करीब सवा दो बजे घर में घुस गया। उसके बाद सबसे पहले उसने भंवरी देवी पर कुल्हाड़ी से वार किया, जिसकी मौके पर मौत हो गई। इस दौरान लक्षिता और भावना के शोर मचाने पर उसने उनको पानी के टांके में डुबो दिया। हालांकि, इस बीच अचानक हुए शोर शराबे से संतोष जग गई तो उसके सिर पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया, जिससे वो वहीं गिर गई। पुलिस पूछताछ में आरोपी दिनेश ने उसका गुनाह कबूल लिया है। इसके इतर पूछताछ में उसने एक और आरोपी के साथ होने के भी संकेत दिए हैं, जिसकी तलाश की जा रही है।
भंवरी देवी सहित चारों पर हमला करने के बाद आरोपी दिनेश ने कमरे में रखे संदूक का ताला तोड़ा, लेकिन जब उसमें से उसे कुछ नहीं मिला तो वो घर से भाग निकला। उसके बाद घर के पास स्थित क्रिकेट अकादमी के पीछे से होते हुए आगे आया और वहां से एक बाइक लेकर माता का थान चला गया। पुलिस ने आरोपी दिनेश से पूछा कि चार लोगों पर हमला करने के बाद उसने साल भर की बच्ची अनिष्का को क्यों जिंदा छोड़ दिया तो उसने बताया कि वो कुछ बोल नहीं सकती थी। यही वजह है कि उसने उसे जिंदा छोड़ दिया।
माता का थान से आरोपी दिनेश कुछ देर बाद वापस अपने गांव आ गया. हालांकि, तब तक पुलिस मौके पर पहुंच चुकी थी। इस दौरान आरोपी दिनेश पुखराज के घर के बाहर भीड़ में खड़ा गया और सब कुछ देखता रहा। लोगों ने जब शव उठाने का विरोध किया तब भी आरोपी वहीं था। रात को वो फिर घर से निकल गया। बुधवार रात करीब 10 बजे तीनों मृतकों के शव अस्पताल पहुंचाने के बाद डीसीपी आलोक श्रीवास्तव, एडीसीपी वीरेंद्र सिंह, एसीपी पीयूष कविया, थाना अधिकारी प्रेमदान, सब इंस्पेक्टर मनोज सहित जिला ईस्ट पुलिस टीम ने कड़ी से कड़ी जोड़कर पूरी रात पड़ताल की। इतना ही नहीं पुलिस ने घटनास्थल के इर्द-गिर्द आने जाने वालों के मोबाइल ट्रेक किए, जिसमें आरोपी दिनेश का मोबाइल दोपहर करीब 2 बजकर 23 मिनट पर घर के पास होने की बात कंफर्म हुई। उसके बाद एफएसएल और डॉक्टर ने शवों की स्थिति के आधार पर पुलिस को हत्या का समय दो से ढाई बजे के बीच का बताया। पुलिस ने पूरे घटनाक्रम पर तेजी से पड़ताल करते हुए अल सुबह आरोपी दिनेश को घर से उठा लिया।
इस मामले में मृतक के शवों का पोस्टमार्टम अभी तक अटका हुआ है। परिजन और समाज के लोगों ने शाम को कलेक्टर को ज्ञापन दिया और इस घटना के विरोध में मृतक परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा और एक सरकारी नौकरी देने की मांग की है। पुलिस को जब आरोपी दिनेश पर शक हुआ तो लगातार उसकी लोकेशन ट्रेक की. पुलिस ने सुबह उसके घर जाकर उसे उठा लिया। उसके बाद कमरे की तलाशी ली, जहां एक शर्ट मिली। उस पर खून का धब्बा नजर आया, जिसकी पुलिस ने एफएसएल जांच की तो खून की पुष्टि हो गई।