मल्लिकार्जुन खड़गे की ताजपोशी से पहले अशोक गहलोत का 'राहुल राग'. जानें क्या बोले CM गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मल्लिकार्जुन खड़गे के पदभार ग्रहण करने से पहले कहा कि राहुल गांधी ही पीएम मोदी को चुनौती दे सकते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष के लिए पहली पसंद राहुल गांधी है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मल्लिकार्जुन खड़गे के पदभार ग्रहण करने से पहले बड़ा बयान दिया है। सीएम गहलोत ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए कार्यकर्ताओें की पहली पंसद राहुल गांधी ही थे, लेकिन राहुल गांधी ने मना कर दिया। सीएम गहलोत ने आज दिल्ली में समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एक बार फिर कहा कि पीएम मोदी और मोदी सरकार को राहुल गांधी ही चुनौती दे सकते हैं। गहलोत ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे के पास संगठन का लंबा अनुभव है। इसका लाभ पार्टी को मिलेगा। खड़गे ने शशि थरूर को चुनाव में बड़े मार्जिन से हराया है। शशि थरूर एलीट वर्ग से आते हैं, लेकिन खड़गे जमीन से जुड़े नेता है। खड़गे पार्टी की जीत के लिए काम करेंगे। खड़गे की जीत से कांग्रेस पार्टी को मजबूती मिलेगी।
सीएम गहलोत समारोह में हुए शामिल
कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आज एआईसीसी मुख्यालय में पदभार ग्रहण कर लिया है। पदभार ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए सीएम गहलोत दिल्ली पहुंच गए है। सीएम गहलोत ने नई पारी के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे के बधाई दी है। सीएम गहलोत ने कहा कि नई पारी के लिए खड़गे को बधाई। पदभार ग्रहण करने से पहले मल्लिकार्जुन खड़गे ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। बता दें, मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस सांसद शशि थरूर को एकतरफा मुकाबाले में शिकस्त दी थी।
खड़गे के सामने राजस्थान बड़ी चुनौती
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष के प्रबल दावेदार थे। लेकिन 25 सितंबर को गहलोत समर्थक विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया था। इसके बाद सीएम गहलोत ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष का चुनान लड़ने से इंकार कर दिया था। सीएम गहलोत ने राजस्थान के घटनाक्रम की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी से माफी मांग ली थी। खड़गे ने आज पदभार ग्रहण कर लिया है। खड़गे के सामने सबसे बड़ी चुनौती राजस्थान में गहलोत और पायलट कैंप को साधने की रहेगा। विपरित ध्रुव वाले दोनों गुटों को एकजुट करने पर ही राजस्थान में कांग्रेस सरकार रिपीट हो सकती है।