मेरे खिलाफ हो रही राजनीति, हिजाब विवाद पर बोले BJP विधायक बालमुकुंद आचार्य
स्कूल में हिजाब पर पहनकर आने पर टिप्पणी के बाद विवादों में घिरे भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा,''मेरे खिलाफ विरोध प्रदर्शन राजनीति से प्रेरित है।"
जयपुर के एक स्कूल प्रोग्राम में हिजाब पर बयान देकर विवादों में घिरे BJP विधायक बालमुकुंद आचार्य ने आरोपों पर पलटवार किया है। भाजपा MLA ने कहा कि उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन "राजनीति से प्रेरित" है। कुछ लोग जिनके पास कोई मुद्दा नहीं वो इसको हवा दे रहे हैं।
हवा महल के विधायक ने मीडिया को बताया, "यह विरोध कुछ लोगों द्वारा किया गया था जो राजनीति कर रहे हैं। मैंने लड़कियों से बात की और उनके साथ अच्छी बातचीत हुई। हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं और उनकी पढ़ाई के बारे में बात की।"
उन्होंने कहा कि आमतौर पर स्कूलों में गणतंत्र दिवस जैसे अवसरों पर ड्रेस कोड का पालन किया जाता है।लेकिन वहां गणतंत्र दिवस, बसंत उत्सव, वार्षिक समारोह या स्वतंत्रता दिवस जैसे अवसरों पर ड्रेस कोड का पालन नहीं किया जाता है। छात्र बुर्का और हिजाब में क्यों आते हैं? यह नया नियम और कानून क्या है? इसके लिए एक अलग मदरसा है।" आचार्य ने कहा, "मैंने केवल यह अनुरोध किया है कि स्कूल प्रशासन छात्रों से बात करे और उन्हें समझाए।"
उन्होंने कहा, "मैं मुख्यमंत्री से आग्रह करूंगा कि सभी स्कूलों में एक ड्रेस कोड लागू किया जाए और छात्र केवल अपनी स्कूल यूनिफॉर्म में ही आएं।"
भाजपा विधायक के बयान के बाद स्कूली छात्राओं ने सोमवार को सुभाष चौक पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि विधायक माफी मांगें और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि आचार्य ने उनसे कहा कि हिजाब की अनुमति नहीं है। विरोध प्रदर्शन में कुछ छात्रों के परिवार भी शामिल हुए था।
इसके बाद बीजेपी विधायक ने एक वीडियो जारी किया। जिसमें उन्होंने स्कूल के दौरे के दौरान जो कुछ हुआ, उस पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा, "मैंने स्कूल के प्रिंसिपल से पूछा था कि क्या स्कूल में दो अलग-अलग ड्रेस कोड हैं। रिपब्लिक डे या किसी अन्य कार्यक्रम पर पर कुछ भी पहन कर आ सकते हैं क्या? फिर तो हिन्दू बच्चियां लहंगा चुन्नी पहनकर आएंगी।"
भाजपा विधायक के बयान के बाद सूबे में सियासी पारा हाई है। विधानसभा में भी इस मुद्दे को लेकर हंगामा हुआ है। वहीं, सोमवार को छात्राओं और उनके परिजनों के विरोध प्रदर्शन के बाद मामला तूल पकड़ता दिख रहा है।