Hindi Newsराजस्थान न्यूज़Bharatpur Lok Sabha Seat Result 2024: BJP lost in CM Bhajanlal Sharma home district Bharatpur

सीएम भजनलाल के गृह जिले भरतपुर में क्यों हारी बीजेपी, कहीं ये वजह तो नहीं है

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गृह जिले में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। यहां से कांग्रेस की 26 साल की संजना जाटव ने जीत दर्ज की है। सियासी जानकार जाट आऱक्षण का मुद्दा मान रहे है।

Prem Narayan Meena लाइव हिंदुस्तान, जयपुरTue, 4 June 2024 04:55 PM
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राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गृह जिले में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। यहां से कांग्रेस की 26 साल की संजना जाटव ने जीत दर्ज की है। सियासी जानकार भरतपुर से बीजेपी के हारने की वजह के अलग-अलग कारण बता रहे है। सियासी जानकारों का कहना है कि जाट आऱक्षण का मुद्दा बीजेपी पर भारी पड़ गया है। इसकी वजह से हार का सामना करना पड़ा है। बीजेपी की यहां से जीत की उम्मीद थी। लेकिन मिली है। बता दें विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बंपर जीत हासिल की थी। भरतपुर से कांग्रेस को मात्र एक सीट मिली। लेकिन लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जाट आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर गर्मा सकता है। जीत के बाद संजना जाटव ने कहा कि वह संसद में जाट आरक्षण का मुद्दा उठाएगी। 

जीत के बाद संजना जाटव ने से कहा कि यह मेरी नहीं बल्कि जनता-जनार्दन की जीत है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मेहनत का प्रतिफल है। उन्होंने कहा कि अब वो जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगी। साथ ही भरतपुर लोकसभा क्षेत्र में चिकित्सा, शिक्षा और मूलभूत सुविधाओं के विकास व विस्तार का काम करेंगी। इतना ही नहीं लंबे समय से केंद्र में आरक्षण की मांग कर रहे भरतपुर-धौलपुर के जाटों के आरक्षण के मुद्दे को भी संसद में उठाएंगी। 

400 वोटों से हार गई थीं विधानसभा चुनाव
अलवर जिले व भरतपुर संसदीय क्षेत्र की विधानसभा कठूमर निवासी संजना जाटव कांग्रेस में काफी समय से सक्रिय हैं। संजना जाटव का शैक्षणिक पृष्टभूमि बेहद मजबूत है। उन्होंने बीए एलएलबी किया है। पढ़ाई के बाद से ही वह सक्रिय राजनीति में आ गईं और कुछ ही समय में संजना ने एससी वर्ग के युवा चेहरे के तौर पर पहचान कायम की है। यही वजह रही कि कई कद्दावर नेताओं को दरकिनार कर संजना को कठूमर विधानसभा से टिकट दिया गया था। हालांकि, वह चुनाव हार गई थी। इसके बाद कांग्रेस ने एक बार फिर 26 साल की संजना पर विश्वास जताया और लोकसभा चुनाव में भरतपुर से रण में उतारा। संजना भी नेताओं की उम्मीदों पर खरा उतरी और जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया है।

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