रविंद्र सिंह भाटी के साथ हो गया खेला? मानवेंद्र सिंह BJP में शामिल ; कांग्रेस को झटका
राजस्थान में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह बीजेपी में शामिल हो गए है। पूर्व विदेशमंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह ने मतभेद के चलते बीजेपी छोड़ दी थी। अब घर वापसी।
राजस्थान में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह बीजेपी में शामिल हो गए है। पूर्व विदेशमंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह ने वसुंधरा राजे के मतभेद के चलते बीजेपी छोड़ दी थी। लेकिन अब घर वापसी हो गई है। बाड़मेर में पीएम मोदी की सभा से पहले बीजेपी को बड़ी सफलता मिली है। बता दें मानवेंद्र सिंह बाड़मेर से सांसद रहे हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि बीजेपी के इस सियासी दांव से निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी की मुश्किलें बढ़ गई है। क्योंकि जसोल की वापसी से बीजेपी को राजपूत समाज का समर्थन मिल जाएगा, जिसके बल पर भाटी अपनी जीत तय मान रहे है। राजपूत वोट बैंक में सेंध का सीधा लाभा कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल को मिल सकता है। विधानसभा 2023 में हार के बाद ही मानवेंद्र सिंह ने घर वापसी के संकेत दे दिए थे। कांग्रेस ने उन्हें सिवाना से टिकट दिया था, लेकिन तीसरे नंबर पर रहे। कांग्रेस के बागी रोहित परिहार दूसरे नंबर रहे थे। हाल ही में रोहित परिहार की कांग्रेस में वापसी होने से नाराज चल रहे थे। इससे पहले 2018 के चुनाव में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के खिलाफ चुनाव लड़े थे, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था।
वसुंधरा राजे की वजह से छोड़ी थी बीजेपी
जसवंत सिंह जसोल के बेटे मानवेंद्र सिंह जसोल ने बाड़मेर में तीन बार चुनाव लड़ा है। एक विधायक के रूप में और दो बार सांसद के रूप में। तीन में दो चुनाव उन्होंने बीजेपी के टिकट पर लड़े हैं, जबकि अन्य एक चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे हैं। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से अनबन के बाद मानवेंद्र सिंह जसोल ने 2018 में बीजेपी छोड़ दी थी और कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे। उस वक्त उन्होंने 'कमल का फूल हमारी भूल' नारा भी दिया था। इसके बाद उन्होंने वसुंधरा राजे के खिलाफ झालावाड़ में चुनाव भी लड़ा था, लेकिन आज लोकसभा चुनाव 2024 के पहल चरण की वोटिंग से मात्र एक हफ्ता पहले वे बीजेपी में वापसी कर रहे हैं।
कैलाश चौधरी को मिली राहत
पीएम मोदी की सभा से पहले मानवेंद्र सिंह की घर वापसी से बीजेपी उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को राहत मिल सकती है। क्योंकि अभी तक सियासी जानकार बाड़मेर में मुख्य मुकाबला कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल और शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी के बीच मानकर चल रहे थे। लेकिन अब मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। क्योंकि मानवेंद्र सिंह की घर वापसी से राजपूत वोटों पर सीधा असर पड़ेगा। इसका खामियाजा रविंद्र भाटी को हो सकता है। मानवेंद्र की वापसी से राजपूत वोटों के साथ भाजपा की संभावनाएं मजबूत हो सकती हैं, जो बाड़मेर में विभाजित होने का खतरा पैदा कर रहे हैं।
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