Rajasthan Rain: बिपरजॉय से हुई बारिश ने तोड़ा रिकॉर्ड, राजस्थान में भरे 67 बांध; इन इलाकों में अलर्ट जारी
चक्रवात के प्रभाव के चलते बांध भर गए हैं, इससे पहले ऐसा कभी नही हुआ है। पहले भी कई तूफान आए थे लेकिन ऐसी बारिश और पानी का बहाव देखने को नहीं मिला है।
Rajasthan Cyclone Biparjoy: बीते दिनों चक्रवात बिपरजॉय ने गुजरात में अपना रौद्र रूप दिखाया। वहीं, इसके चलते बारिश ने राजस्थान में कई रिकॉर्ड भी तोड़ दिए। पिछले चार दिनों में चक्रवात बिपारजॉय के चलते हुई भारी बारिश ने राजस्थान के 67 बांधों को लबालब भर दिया है, ऐसी स्थिति शायद पहले कभी नहीं देखी गई। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, चक्रवात के चलते पिछले चार दिनों में राज्य को 660MCB से अधिक पानी मिला। राज्य के बांधों में 15 जून को 5384.38 एमसीएम पानी था, जो 19 जून की शाम तक 6045 एमसीएम से अधिक हो गया है।
जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि 66 से अधिक केंद्रों पर 100 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई। अधिकारी ने कहा, 'पिछले चार दिनों में हुई भारी बारिश के चलते सात जिलों अजमेर, जालोर, पाली, सिरोही, राजसमंद, उदयपुर और टोंक के लगभग 67 छोटे और बड़े बांध अपनी क्षमता से अधिक भर गए हैं।' उन्होंने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल लगभग 14% अधिक बारिश हुई है। बीते साल 19 जून, 2022 को 4341 एमसीएम पानी था, जो 19 जून, 2023 को 6045एमसीएम रहा।
मुख्य अभियंता भुवन भास्कर ने कहा, 'चक्रवात के प्रभाव के चलते बांध भर गए हैं, इससे पहले ऐसा कभी नही हुआ है। पहले भी कई तूफान आए थे लेकिन ऐसी बारिश और पानी का बहाव देखने को नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि इस तरह की स्तिथि राज्य के लिए वरदान है और पीने के पानी की जरूरतों का ख्याल रखेगी। हालांकि, एक चुनौती भी है क्योंकि बारिश से सांचौर में नर्मदा नहर के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिन्हें अब मरम्मत की जरूरत है।
इस बीच मंगलवार को पूर्वी राजस्थान में कुछ स्थानों पर अत्यधिक बारिश हुई और पश्चिमी राजस्थान में कुछ स्थानों पर गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश हुई। मौसम विभाग ने बुधवार को भरतपुर, धौलपुर, करौली और सवाई माधोपुर के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। साथ ही यहां बारिश और आंधी का भी अनुमान है।
21 जून से भारी बारिश की गतिविधियों में कमी आने की प्रबल संभावना है। पूर्वी राजस्थान में केवल इक्का-दुक्का स्थानों पर हल्की बारिश की संभावना है। 24-25 जून के बीच पूर्वी राजस्थान में एक बार फिर बारिश की गतिविधियां बढ़ने की प्रबल संभावना है।