मामा शिवराज ने बेटा-बहू को शादी में दिलाया 8वां वचन; कार्तिकेय और अमानत ने क्या करना स्वीकार किया?
- दोनों ने शादी के पवित्र बंधन में बंधते हुए सात फेरे लिए। इसके बाद मामा शिवराज ने बेटा-बहू को आठवां वचन दिलाया। जानिए 8वें वचन में क्या याद दिलाया।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बड़े बेटे कार्तिकेय की शादी अमानत बंशल के साथ हो गई है। दोनों ने शादी के पवित्र बंधन में बंधते हुए सात फेरे लिए। इसके बाद मामा शिवराज ने बेटा-बहू को आठवां वचन दिलाया। जानिए आठवें वचन में मामा ने किन बातों को रखा।
मामा ने 8वें वचन में क्या बात रखी
कार्तिकेय की शादी लिबर्टी शू कंपनी के डायरेक्टर अनुपम बंसल की बेटी अमानत बंसल के साथ हुई है। शादी की रस्में जोधपुर के उम्मेद भवन पैलेस में पूरी हुई हैं। सात फेरे लेने के बाद मामा ने बेटे बहू को आठवें वचन के तौर पर पर्यावरण की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी। इसे कार्तिकेय और अमानत ने स्वीकार भी किया। जानिए मामा ने इस वचन के तहत क्या कुछ करने की बात रखी।
बेटा-बहू ने 8वां वचन स्वीकार किया
मामा ने कहा कि हमको दोनों परिवारों का मान सम्मान बनाते हुए औरों के लिए भी जीना है। सम्मान की बात करते हुए कहा कि इसका एक साकार स्वरूप है, पर्यावरण। आने वाली पीढ़ियों के लिए धरती सुरक्षित छोड़ें, इसके लिए अपने जन्मदिन पर, शादी की सालगिरह पर, हमारे पूर्वजों की स्मृति में और आने वाले नन्हें-मुन्हें बच्चों के जन्मदिन पर आपको पेड़ लगाने हैं। मामा ने आठवां वचन बोलते हुए कहा, स्वीकार है। इसके जवाब में बेटे-बहू ने कहा कि स्वीकार है।
धरती की रक्षा और लोगों की रक्षा की बात दोहराई
शिवराज सिंह ने कहा कि पर्यावरण को बचाने का अर्थ है कि धरती की रक्षा, लोगों की रक्षा और जितने भी परोपकार के काम हम लोग कर सकते हैं। ये जीवन अमूल्य है। ये अपने लिए नहीं है। ये जीवन लोगों के लिए है। लोगों की मदद करके बेहतर से बेहतर काम करके अपने मानव जीवन को सफल बनाने की कोशिश करनी है।