संजीवनी घोटाला: गजेंद्र सिंह शेखावत को क्लीन चिट, बोले-सत्य की जीत हुई; अशोक गहलोत पर तंज
- दरअसल, संजीवनी घोटाले मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह के खिलाफ ठोस सबूत नहीं है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने शेखावत पर घोटाले में शामिल होने के आरोप लगाते रहे है।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी मामले में बड़ी राहत मिली है। कोर्ट से क्लीन चिट मिली है। दरअसल, संजीवनी घोटाले मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह के खिलाफ ठोस सबूत नहीं है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने शेखावत पर घोटाले में शामिल होने के आरोप लगाते रहे है। जबकि गजेंद्र सिंह शेखावत कहते रहे है कि घोटाले में उनकी कोई भूमिका नहीं है। जस्टिस अरुण मोंगा की बेंच में सुनवाई हुई। SOG ने जांच के अनुसंधान में गजेंद्र सिंह शेखावत को अभी तक दोषी नहीं माना। कहा कि आज की स्थिति में शेखावत आरोपी नहीं है। जांच में किसी भी प्रकार का दोष नहीं साबित हुआ है।
दरअसल, शेखावत की ओर से दायर याचिका में एफआईआर के साथ-साथ जांच को भी रद्द करने को लेकर मांग की गई थी। 17 सितंबर 2024 को जस्टिस अरुण मोंगा की बेंच ने मामले में अंतिम आदेश पारित करते हुए एसओजी को इस सवाल का जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया कि क्या एसओजी गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने का इरादा रखता है। मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की ओर से एक विस्तृत रिपोर्ट दायर की गई, जिसमें कहा गया कि गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं है और कंपनियों में निदेशक के रूप में उनके इस्तीफे के बाद किए गए कृत्यों के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
ऐसे में कोर्ट ने आदेश पारित करते हुए निर्देश दिया कि एसओजी द्वारा प्रस्तुत की गई विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर याचिकाकर्ता गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है। एडवोकेट आदित्य विक्रम सिंह ने जानकारी दी कि कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि एसओजी ट्रायल कोर्ट से अनुमति लिए बिना शेखावत के खिलाफ आगे की जांच नहीं कर सकती है।
संजीवनी प्रकरण में अदालत के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि आज सत्य की जीत हुई है। किसी भी सत्य को झूठ के आडंबर से बहुत दिन तक नहीं ढंका जा सकता है। यपुर में बुधवार को राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम लिए बगैर उन पर तंज कसते हुए शेखावत ने कहा कि अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं, अपने बेटे की पराजय और प्रदेश की जनता द्वारा भाजपा को विजय दिलाने की खींझ से उपजी मानसिकता के तहत जिस तरह झूठे केस में मुझे घसीटने को कोशिश की गई थी। आज राजस्थान उच्च न्यायालय ने उस केस को बंद कर दिया है और आगे भी कोर्ट के आदेश के बिना जांच नहीं करने का आदेश भी दिया है। कोर्ट का आदेश इस बात बात को साबित करता है कि मुझे फंसाने का किस तरह का कुत्सित प्रयास किया गया था।