Hindi Newsराजस्थान न्यूज़Rajasthan High Court removed 4 words like Bhangi Neech from SC ST Act

भंगी, नीच जैसे शब्द जातिसूचक नहीं हैं, राजस्थान हाईकोर्ट का बड़ा आदेश

  • राजस्थान हाईकोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट से चार जाति सूचक शब्दों को हटाते हुए कहा कि भंगी, नीच, भिखारी, मंगनी जैसे शब्द जातिसूचक नहीं हैं।

Prem Narayan Meena लाइव हिन्दुस्तानFri, 15 Nov 2024 05:31 PM
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राजस्थान हाईकोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट से चार जाति सूचक शब्दों को हटाते हुए कहा कि भंगी, नीच, भिखारी, मंगनी जैसे शब्द जातिसूचक नहीं हैं।लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने यह भी पाया कि पुलिस ने जांच के बाद आरोप को सही नहीं पाया। अदालत ने हालांकि कहा कि लोक सेवकों को उनके कामकाज के दौरान कथित तौर पर बाधा डालने के लिए आपराधिक मुकदमा चलाया जाएगा।

न्यायमूर्ति बीरेंद्र कुमार की एकल पीठ चार अपीलकर्ताओं द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें एससी/एसटी अधिनियम के तहत उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को चुनौती दी गई थी। दरअसल, अतिक्रमण हटाने गई एक टीम पर गलत पैमाइश का आरोप लगाते हुए युवकों ने इस तरह की टिप्पणी की थी।

अदालत ने कहा कि जैसा कि ऊपर बताया गया है, मामले में इस्तेमाल किए गए शब्द जातिसूचक नहीं थे और न ही ऐसा आरोप है कि याचिकाकर्ता उन लोक सेवकों की जाति को जानते थे, जो अतिक्रमण हटाने गए थे। इसके अलावा, यह आरोप को ध्यान से देखने पर यह बिल्कुल स्पष्ट है कि याचिकाकर्ताओं का इरादा व्यक्तियों को इस कारण से अपमानित करने का नहीं था कि वे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्य थे, बल्कि याचिकाकर्ताओं का कृत्य लोकसेवकों द्वारा गलत तरीके से की गई माप की कार्रवाई के विरोध में था।

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