राजस्थान उपचुनाव: सीएम भजनलाल, सचिन पायलट या किरोड़ी लाल, जानें किसका दांव पर क्या लगा है?
- राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चुनाव जीतने के स्थिति में मुखयमंत्री भजनलाल शर्मा का सियासी कद बढ़ेगा। हारने की स्थिति में विरोधी धड़ा सक्रिय हो जाएगा। ऐसे में उपचुनाव को भजनलाल सरकार का लिटमस टेस्ट माना जा रहा है।
राजस्थान विधानसभा उपचुनाव को लेकर सीएम भजनलाल शर्मा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। विधानसभा चुनाव के बाद 7 सीटों पर उपचुनाव हो हे है। इनमे एक बीजेपी की सीट है। जबकि 6 सीट काग्रेस और उसके सहयोगी दलों की है। ऐसे में बीजेपी नेता कह रहे है कि उनके पास खोने के लिए बहुत ज्यादा नहीं है। लेकिन सियासी जानकारों का कहना है कि भले ही बीजेपी के पास वाली एक सीट पर उप चुनाव हो रहे हो लेकिन, सीएम भजनलाल की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। विधानसभा उपचुनाव सीएम भजनलाल के लिए किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि उपचुनाव के रिजल्ट से पता चलेगा कि भजनलाल सरकार को जनता पंसद करती है या नहीं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चुनाव जीतने के स्थिति में मुखयमंत्री भजनलाल शर्मा का सियासी कद बढ़ेगा। हारने की स्थिति में विरोधी धड़ा सक्रिय हो जाएगा। ऐसे में उपचुनाव को भजनलाल सरकार का लिटमस टेस्ट माना जा रहा है। दूसरी तरफ उपचुनाव में बीजेपी नेता किरोड़ी लाल मीणा और सचिन पायलट की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। दौसा और देवली-उनियारा सीट पर पायलट की प्रतिष्ठा दांव पर है। कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के कद पर भी असर पड़ेगा। दौसा उपचुनाव में किरोड़ी लाल के भाई जगमोहन को टिकट दिया गया है।
राजस्थान में 7 विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस-बीजेपी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। हालांकि, 5 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला है। दौसा और रामगढ़ सीट पर कांग्रेस-बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है। जबकि देवली-उनियारा, चौरासी, सलूंबर, झुंझुनूं और खींवसर पर त्रिकोणीय मुकाबला माना जा है।
अलवर जिले की रामगढ़ सीट पर कांग्रेस विधायक जुबेर खान के निधन के कारण उपचुनाव हो रहे है। जबकि सलूंबर सीट पर बीजेपी विधायक अमृत लाल मीणा के निधन के कारण चुनाव हो रहे है। इनमें से 5 सीटें विधायकों के सांसद बनने से खाली हुई हैं। वहीं 2 सीटें विधायकों के निधन के कारण खाली हैं। उल्लेखनीय है कि साल 2023 में हुए विधानसभा चुनाव के 11 महीने के भीतर ही इन सीटों पर फिर इलेक्शन हो रहे हैं। इनमें से 5 सीट विधायकों के सांसद बनने के कारण और दो सीटें विधायकों के निधन के कारण खाली हैं। अब इन सभी सीटों पर उपचुनाव हो रहा है।