राजस्थान उपचुनाव: भजनलाल शर्मा के लिए अग्नि परीक्षा, पायलट और किरोड़ी का भी इम्तिहान
- उपचुनाव में सीएम भजनलाल शर्मा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। उपचुनाव में न सिर्फ सीएम भजनलाल बल्कि सचिन पायलट और किरोड़ी लाल की भी साख दांव पर लगी है। उपचुनाव से परिणाम से इन नेताओं का सियासी कद तय होगा।
राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग है। ऐसे में उपचुनाव में सीएम भजनलाल शर्मा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। उपचुनाव में न सिर्फ सीएम भजनलाल बल्कि सचिन पायलट और किरोड़ी लाल मीणा की भी साख दांव पर लगी है। उपचुनाव से परिणाम से इन नेताओं का सियासी कद तय होगा। चुनाव हारने की स्थिति में विरोधी खेमा सीएम भजनलाल शर्मा को बदलने की मांग तेज कर सकता है। इन उपचुनाव को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के लिए भी पहली परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है जिन्होंने जून में लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद राज्य में पार्टी की कमान संभाली थी।
दौसा उपचुनाव में कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की सांख दांव पर लगी है। यहां से किरोड़ी लाल के भाई जगमोहन मीणा को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है। दौसा किरोड़ीलाल और सचिन पायलट का गढ़ माना जाता है। इसी प्रकार टोंक जिले की देवली-उनियारा सीट से सचिन पायलट की सांख दांव पर लगी है। यहां से कांग्रेस के बागी नरेश मीणा ने कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है।राज्य की झुंझुनू, दौसा, देवली-उनियारा, खींवसर, चौरासी, सलूम्बर और रामगढ़ सीट के लिए उपचुनाव हो रहा है। इनमें से चार कांग्रेस के पास थीं जबकि भाजपा, भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के पास एक-एक सीट थी।
उपचुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।इन सीटों के लिए चुनाव प्रचार धीरे धीरे जोर पकड़ रहा है। भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री शर्मा और दूसरे पार्टी नेताओं ने कई रैलियों को संबोधित करते हुए राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा किए गए काम की चर्चा की और कांग्रेस पर निशाना साधा। खींवसर में एक रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के 10 महीने के भीतर अपने 50 प्रतिशत चुनावी वादे पूरे कर दिए हैं। उन्होंने कहा, कांग्रेस लूट और झूठ की पार्टी है। इसने अपने किसी भी चुनावी वादे को पूरा नहीं किया, जबकि हमने महज 10 महीने में चुनाव घोषणापत्र में किए गए 50 फीसदी वादों को पूरा कर दिया है। उन्होंने कहा कि बाकी वादों को भी पूरा किया जाएगा।
प्रदेश की भाजपा सरकार पिछले साल दिसंबर में सत्ता में आई थी। हालांकि, सत्ता में आने के एक महीने बाद ही भाजपा को करणपुर विधानसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा।इसके बाद पार्टी को एक और झटका लोकसभा चुनाव में लगा जब राज्य की 25 लोकसभा सीटों में से उसे 11 पर हार का सामना करना पड़ा। 2014 के लोकसभा चुनावों में ये सभी सीटें भाजपा के पास थीं।लोकसभा चुनाव के परिणामों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कार्य प्रदर्शन पर सवालिया निशान लगा दिया जो पहली बार विधायक बने हैं और जिन्हें पार्टी आलाकमान ने वसुंधरा राजे, गजेंद्र सिंह शेखावत, दीया कुमारी और किरोड़ी लाल मीणा जैसे दिग्गज नेताओं को दरकिनार कर मुख्यमंत्री बनाया था।