भजनलाल के मंत्री की मूंछों को कटने से किसने बचाया? गजेंद्र सिंह खींवसर ने खेला था दांव
- कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा था- मैं गारंटी देता हूं कि यह सीट हम हार ही नहीं सकते। हार गए तो मैं मेरी मूंछे और सिर के बाद मुंडवा कर यहां इस चौक पर खड़ा हो जाऊंगा।
राजस्थान में नागौर जिले की खींवसर सीट पर बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। इस सीट से बीजेपी ने चुनाव जीतकर न केवल सांसद हनुमान बेनीवाल को तगड़ा झटका जिया है बल्कि मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर की मूंछों को कटने से भी बचा लिया है। उल्लेखनीय है कि बीजेपी के रेवंत राम डांगा को खींवसर विधानसभा सीट पर जीत हासिल हुई है। बीजेपी प्रत्याशी को 1,08,628 वोट मिले जबकि आरएलपी की कनिका बेनीवाल को 94727 वोट मिले। हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका को 13,901 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा है। माना जा रहा है कि मुस्लिम वोट और दलित वोट हनुमान बेनीवाल को नहीं मिले है। इसलिए उन्हें हार का सामना करना पड़ा है।
उल्लेखनीय है कि कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने अपने संबोधन के दौरान कहा था कि मैं गारंटी देता हूं कि यह सीट हम हार ही नहीं सकते। हार गए तो मैं मेरी मूंछे और सिर के बाद मुंडवा कर यहां इस चौक पर खड़ा हो जाऊंगा। गजेंद्र सिंह यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि हम चुनाव उसी के सामने लड़ रहे हैं जो हर चुनाव की जीत में हमें अपमानित करके अपनी गलियों के अंदर से जिंदाबाद के नारे लगाते हुए हमें नीचा दिखाने के लिए हमारे बीच में से पूरी रैली निकालते हैं। ये वो लोग हैं, उनको हराना है।
आरएलपी चीफ हनुमान बेनीवाल ने कहा कि लोकतंत्र में जनता का जनादेश सर्वोपरि है। चुनाव में हार-जीत दो पहलू हैं। 2008 से खींवसर विधानसभा की जनता का आशीर्वाद लगातार मुझे और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को मिलता रहा है। हम मजबूती से चुनाव लड़े और बीजेपी-कांग्रेस दोनों ने मिलकर यह चुनाव हमारे खिलाफ लड़ा। बेनीवाल ने कहा- जनादेश में हम जरूर पिछड़ गए मगर सरकारी तंत्र और मशीनरी का हमारे खिलाफ जमकर दुरुपयोग होने के बावजूद इस उप चुनाव में आरएलपी ने विगत चुनाव की तुलना में 15 हजार वोट अधिक पाए। जनहित के मुद्दों को लिए आरएलपी सदैव संघर्ष करेगी।