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जोधपुर का सुभाष विश्नोई हत्याकांड: पंजाब में पकड़े गए 3 शूटर, 10 लाख हुआ था सौदा

  • दो परिवारों के बीच हुई रंजिश में अब तक चार हत्याएं हो चुकी हैं। इसकी शुरुआत 1970 से हुई थी, जब थानाराम व उसके साथी ने 18 जून 1970 को अनिल के दादा चतुराराम लेगा की हत्या की थी।

Prem Narayan Meena लाइव हिन्दुस्तानSat, 12 Oct 2024 02:01 PM
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राजस्थान के जोधपुर के बासनी थाना क्षेत्र में 8 अक्टूबर को दिन दहाड़े आपसी रंजिश में हुए सुभाष विश्नोई हत्याकांड मामले में तीन आरोपियों को पंजाब पुलिस ने मोहाली के पास नाकाबंदी कर पकड़ लिया है। साथ ही उनसे हथियार भी बरामद हुए हैं। जोधपुर पुलिस उन्हें प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आएगी। आरोपियों ने पंजाब पुलिस को बताया कि वह जोधपुर में हत्या करके भागे हैं। उनके पास से दो पिस्टल के साथ आठ जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। बासनी थानाधिकारी मोहम्मद शफिक खान ने पंजाब पुलिस की ओर से तीन आरोपियों के पकड़ने की पुष्टि की है।

पंजाब पुलिस की पूछताछ के अनुसार जोधपुर के सांगरिया फांटा के पास सुभाष को गोली मार कर आरोपी पंजाब की ओर भागे थे। इनकी पहचान मुख्य शूटर आसिफ और सुपारी लेने वाले सरदारपुरा सोजत हाल इंद्रा कॉलोनी निवासी भानु उर्फ मोनू ढोली पुत्र माणक ढोली के रूप में हुई। इनका तीसरा साथी बालोरात निवासी अनिल कुमार मदानी है।

पंजाब पुलिस की पूछताछ में भानु ने सुभाष को मारने के लिए 10 लाख रुपए की सुपारी लेने की बात कबूली है। भानु पाली आपराधिक मामले में पिछले 5 सालों से अभिरक्षा में था। इस दौरान ही भानु व सुभाष में जानपहचान हुई थी। हत्या के दिन भानु ने ही सुभाष की रेकी की थी और सुभाष को बाहर बुलाया था। भानु अनिल लेगा के संपर्क में था। उसकी एक फोटो मिली है, जिसमें वह अनिल लेगा की तस्वीर के साथ नजर आ रहा है।

दो परिवारों के बीच हुई रंजिश में अब तक चार हत्याएं हो चुकी हैं। इसकी शुरुआत 1970 से हुई थी, जब थानाराम व उसके साथी ने 18 जून 1970 को अनिल के दादा चतुराराम लेगा की हत्या की थी। तब इसका मामला महामंदिर थाने में दर्ज हुआ था, जिसको लेकर थानाराम की गिरफ्तारी भी हुई थी। 1993 में जन्मे अनिल को बड़ा होने पर पता चला कि उसके दादा की हत्या करने वाला आदमी खुला घूम रहा है, तो उसने तय किया था वह बदला लेगा। उसने 15 अगस्त 2018 को थानाराम की हत्या कर दी। इसके बाद अनिल को गांव छोड़ना पड़ा। वह जोधपुर में रहने लगा।

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