राजस्थान कांग्रेस में गोविंद सिंह डोटासरा की राह नहीं आसान, इन चुनौतियों से होगा सामना
- राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने चार वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है। लेकिन आगे की राह उनके लिए आसान नहीं है। पायलट कैंप से तगड़ी चुनौती मिल रही है।
राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासार ने चार वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है। माना यही जा रहा है कि डोटासरा पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। लेकिन आगे की राह उनके लिए आसान नहीं है। माना जा रहा कि उन्हें राजस्थान में संगठन से लेकर चुनाव जिताऊ पारी खेलनी होगी। आक्रामक पारी भी दिखानी होगी। वैसे, राजस्थान में कांग्रेस लगातार अपनी खोई जमीन की तलाश में जुटने का दावा करती है। कांग्रेस ने हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन करते हुए 9 सीटें जीती है। जबकि दो सीटें सहयोगी दलों ने जितने में सफलता प्राप्त की है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि आगे की राह गोविंद सिंह डोटासरा के लिए आसान नहीं है। क्योंकि डोटासरा राजस्थान कांग्रेस में तीसरी शक्ति के रूप में उभर रहे है। सचिन पायलट गुट को यह पसंद नहीं है। हालांकि, पायलट गुट के किसी नेता डोटासरा को लेकर कोई बयानबाजी नहीं की है। लेकिन अंदर खाने डोटासरा को लेकर सुगबुगाहट हो रही है। बता दें राजस्थान की राजनीति में डोटासरा को गहलोत कैंप का माना जाता है।
सियासी जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के बाद डोटासरा की बड़ी परीक्ष विधानसभा उप चुनाव है। डोटासरा कैंप के पायलट खेमे के साथ-साथ चुनाव जीतने पर भी फोकस करना होगा। सियासी जानकारों का कहना है कि पायलट कैंप डोटासरा की लंबी पारी खेलने के खिलाफ बताया जा रहा है। सियासी जानकारों का कहना है कि राजस्थान कांग्रेस में आने वाले दिनों में बड़ा बदलाव हो सकता है।
कांग्रेस ने पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ा, जहां कांग्रेस ने बीते 26 सालों में जो नहीं हुआ वो परिपाटी कांग्रेस ने इस चुनाव में तोड़ी। बीते कई चुनाव में कांग्रेस सत्ता में रहने के बाद 70 विधायक अब से पहले कभी जीतकर नहीं आए।
ऐसे में इन 26 सालों में पहली बार ऐसा हुआ है कि जब किसी पीसीसी चीफ के नेतृत्व में 70 विधायक जीतकर आए हों। वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में भी पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा पूरे प्रदेश की 25 सीटों पर चुनाव प्रचार में पहुंचे और संगठन के साथ-साथ स्थानीय नेताओं के बीच समन्वय स्थापित करके पार्टी को मजबूत स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया। कांग्रेस ने राजस्थान में जो प्रदर्शन किया है उससे डोटासरा का राजनीतिक कद बढ़ गया है।
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