'मैं अब भी मंत्री', किरोड़ी लाल बोले- सीएम ने नहीं किया इस्तीफा स्वीकार
- एसआई भर्ती रद्द करने की मांग पर किरोड़ी ने कहा कि इस विषय पर मुख्यमंत्री को अंतिम निर्णय करना है। डॉ किरोडी लाल मीणा ने यह बात शनिवार को अलवर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही।
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राजस्थान सरकार में कृषि एवं अलवर जिला प्रभारी मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि मैं अब भी सरकार में मंत्री हूं। मैंने पूर्व में अपने पद से इस्तीफा दिया था, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री ने स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि वह अब भी अपने विभाग की जरूरी फाइलों व कामकाज को देखते हैं। एसआई भर्ती रद्द करने की मांग पर किरोड़ी ने कहा कि इस विषय पर मुख्यमंत्री को अंतिम निर्णय करना है। डॉ किरोडी लाल मीणा ने यह बात शनिवार को अलवर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही।
कृषि मंत्री मीणा ने कहा कि एसओजी, पुलिस मुख्यालय, एडवोकेट जनरल एवं कैबिनेट उप समिति ने भी एसआई भर्ती रद्द करने की बात कही है। वहीं हाईकोर्ट ने भी ऐसी ही मंशा जताई है। पहले ही दिन से यह बात कही जा रही थी कि एसआई भर्ती को रद्द किया जाए। परीक्षार्थी बेल आउट होने के बाद ज्वाइन करने के लिए चले गए। राजस्थान में सर्वमान्य जनता का मत बन गया कि एसआई भर्ती परीक्षा रद्द होनी चाहिए। जन भावना के अनुकूल ही प्रदेश के मुख्यमंत्री को इस पर निर्णय लेना चाहिए।
कृषि मंत्री ने प्रदेश में पिछले दिनों हुई मावट से सरसों की फसल में हुई खराबी की पटवारी की ओर से घर बैठकर रिपोर्ट बनाने के सवाल पर कहा कि कोई भी प्राकृतिक आपदा हो, सरकार फसल की गिरदावरी रिपोर्ट मंगवाती है। मावठ से हुए नुकसान की गिरदावरी की रिपोर्ट को लेकर अभी कोई शिकायत सरकार को नहीं मिली है। यदि ऐसी कोई शिकायत आती है, तो उसकी जांच कराई जाएगी। गिरदावरी की रिपोर्ट के अनुसार ही किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि मैं सरकार का हिस्सा हूं और योजना ओवरऑल बनती है। सीएम ने विभिन्न वर्गों के साथ बजट के लिए चर्चाओं का दौर शुरू कर दिया है।
चर्चा के दौरान बजट का प्रावधान रखा जाएगा और विकास का कार्य कराएंगे। कृषि मंत्री डॉ किरोडी लाल मीणा ने कहा कि कोई ऐसी घटना जो सरकार के लिए दुखदाई बने, ऐसी घटना की सरकार को जानकारी देना मेरा कर्तव्य बनता है। इसको यह नहीं मानकर चलना चाहिए कि मैं सरकार के खिलाफ बोलता हूं। मेरी ओर से सिर्फ सरकार को जानकारी दी जाती है।
कृषि मंत्री ने कहा कि इस साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डीएपी की उपलब्धता कम रही, जिसके चलते भाव ज्यादा रहे। इससे किसानों को डीएपी की कुछ कमी हुई, लेकिन बाद में इसको सुधार लिया गया। उन्होंने कहा कि डीएपी सरकार को निर्यात करना पड़ता है। दौसा में अपने भाई की हार पर उन्होंने कहा कि चुनाव हार-जीत का जोड़ा है। इस उप चुनाव में महाभारत की तरह अपने ही लोगों ने मिलकर हारने का कार्य किया, कई बार ऐसा हो जाता है।