हेरिटेज नगर निगम जयपुर महापौर मुनेश गुर्जर निलंबित, जानिए आदेश
- रिपोर्ट में प्रथम दृष्ट्या दोषी पाए जाने पर राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39(1) के तहत मुनेश गुर्जर को सुनवाई का अवसर देते हुए विभाग ने स्पष्टीकरण नोटिस भी जारी किया था। स्पष्टीकरण नोटिस का जवाब संतोषपद्र नहीं पाया गया।
राजस्थान में भजनलाल सरकार ने हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर को निलंबित कर दिया है। सरकार की ओर से 18 सितंबर को दिए गए नोटिस का जवाब संतोषप्रद नहीं होने के चलते स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक कुमार पाल गौतम ने महापौर के सस्पेंशन ऑर्डर जारी किए। मुनेश गुर्जर को महापौर पद के साथ-साथ वार्ड 43 पार्षद पद से भी निलंबित किया गया है।
स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक कुमार पाल गौतम ने बताया कि मुनेश गुर्जर की ओर से पट्टा जारी करने की एवज में रिश्वत राशि प्राप्त करने से संबंधित प्रकरण में स्थानीय निकाय विभाग के उपनिदेशक (क्षेत्रीय) को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था। जांच अधिकारी ने मुनेश गुर्जर को सुनवाई का अवसर देते हुए, रिपोर्ट विभाग को भेजी। विभाग को प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर मुनेश गुर्जर के अपने पति सुशील गुर्जर के कहने से पट्टों पर हस्ताक्षर करने, पट्टों के बारे में अपने पति से चर्चा कर उनको लम्बित रखने और पट्टों की एवज में रिश्वत राशि प्राप्त कर हस्ताक्षर करने के आरोप प्रथम दृष्ट्या प्रमाणित पाए गए।
रिपोर्ट में प्रथम दृष्ट्या दोषी पाए जाने पर राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39(1) के तहत मुनेश गुर्जर को सुनवाई का अवसर देते हुए विभाग ने स्पष्टीकरण नोटिस भी जारी किया था. स्पष्टीकरण नोटिस का जवाब संतोषपद्र नहीं पाया गया. आदेश में कहा गया है कि प्रकरण के तथ्यों, प्राप्त रिपोर्ट और अभियोजन स्वीकृति के आधार पर मुनेश गुर्जर की संलिप्तता प्रथम दृष्ट्या जाहिर होती है। ऐसे में महापौर पद के अनुरूप आचरण और व्यवहार नहीं करने और पद का दुरूपयोग करने के चलते राज्य सरकार ने मुनेश गुर्जर के खिलाफ न्यायिक जांच करवाने का फैसला लिया है. वहीं, मेयर पद पर बने रहने से विचाराधीन न्यायिक जांच को प्रभावित करने की संभावना को देखते हुए मुनेश गुर्जर को हेरिटेज नगर निगम की महापौर और वार्ड 43 पार्षद पद से निलंबित किया गया है।