अजमेर दरगाह विवाद में आज सुनवाई, विष्णु गुप्ता ने कोर्ट से मांगी सुरक्षा
- परिवादी विष्णु गुप्ता ने बताया कि 24 जनवरी को प्रकरण की सुनवाई है। गुप्ता ने यह भी कहा कि कोर्ट में प्रतिवादी बनने की अर्जियों और प्रकरण को खारिज करने के लिए दायर की गई अर्जियों का वह कल कोर्ट में जवाब पेश करेंगे।
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राजस्थान के अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा कर कोर्ट में याचिका पेश करने वाले परिवादी विष्णु गुप्ता ने गुरुवार को सेशन कोर्ट में अर्जी देकर सुरक्षा की मांग की है। गुप्ता की मांग है कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान केवल प्रकरण से संबंधित लोग ही उपस्थित रहें, ताकि सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक न हो। गुप्ता ने यह भी कहा कि याचिका दायर करने के बाद से उन्हें कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं।
परिवादी विष्णु गुप्ता के मुताबिक 24 जनवरी को प्रकरण की सुनवाई है। गुप्ता ने यह भी कहा कि कोर्ट में प्रतिवादी बनने की अर्जियों और प्रकरण को खारिज करने के लिए दायर की गई अर्जियों का वह कल कोर्ट में जवाब पेश करेंगे। गुप्ता, जो हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि प्रतिवादी बनने के लिए कोर्ट में जितनी भी अर्जियां दायर की गई हैं, उनका वह विरोध कर रहे हैं और इन अर्जियों को खारिज करने की मांग कोर्ट में करेंगे।
गुप्ता ने बताया कि प्रतिवादी बनने के लिए दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेद्दीन और एक खादिम ने भी अर्जी दी है। इन लोगों ने ख्वाजा गरीब नवाज के वंशज होने का दावा किया है। इसलिए गुप्ता ने कहा कि उनका जवाब भी तैयार कर लिया गया है, जिसे कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि वंशावली को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों का आदेश है, जिसे वह कोर्ट के समक्ष रखेंगे।
गुप्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अजमेर स्थित ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह दरगाह एक्ट के अंतर्गत आती है और दरगाह एक्ट समाप्त करने के लिए दरगाह के खादिमों की संस्था सुप्रीम कोर्ट तक गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सभी साक्ष्यों के आधार पर यह निर्णय लिया कि खादिमों का दरगाह से कोई लेना-देना नहीं है।